दतिया में सात साल पुराने जीतू कुशवाहा हत्याकांड में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। यह मामला 4 जुलाई 2018 की रात का है। विशेष न्यायाधीश राजेश भंडारी की अदालत ने मुख्य आरोपी हेमंत कुशवाहा को दोषी मानते हुए उम्रकैद और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्
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मामले में कुल 11 आरोपी थे। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में शेष 7 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। एक अन्य आरोपी नरेंद्र कुशवाहा अब तक फरार है। पुलिस उसकी तलाश में है।
आधी रात घर से उठाकर हत्या की थी 4 जुलाई 2018 की रात करीब 12:45 बजे फरियादिया गोमती कुशवाहा ने देखा कि उनके बेटे जीतू पर हमला हो रहा था। हमलावरों ने मारपीट के बाद उसे जबरन गाड़ी में डालकर ले गए। कुछ दिन बाद उसका शव सिंध नदी में मिला था। पुलिस ने हत्या और अपहरण की धाराओं में केस दर्ज कर चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी।
IPC की धारा 364 और 302 के तहत सजा कोर्ट ने गवाही और साक्ष्यों के आधार पर मुख्य आरोपी हेमंत को दोषी माना और भारतीय दंड संहिता की धारा 364 (अपहरण) और 302 (हत्या) के तहत सश्रम आजीवन कारावास की सजा दी।