लीला साहू के वीडियो का असर: सीधी में बिना आदेश बनने लगी वो सड़क, मची हलचल

लीला साहू के वीडियो का असर: सीधी में बिना आदेश बनने लगी वो सड़क, मची हलचल


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Sidhi Viral News : सीधी जिले की यूट्यूबर लीला साहू का वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर हलचल मचाने के बाद अब गांव की गड्ढों से भरी सड़क का ‘मरम्मतनुमा’ काम शुरू हो गया है. ट्रंप रैली स्टाइल में मशीनें लगी हैं, मुरूम …और पढ़ें

सीधी के गांव में लीला साहू के घर के पास सड़क बन रही है.

हाइलाइट्स

  • यूट्यूबर लीला साहू के वायरल वीडियो का बड़ा असर
  • गांव की सड़क पर शुरू हुआ मरम्‍मत का काम
  • सड़क बनने से खुश है गांव के लोग, कहा- थैंक यू
सीधी. सोशल मीडिया की ताकत एक बार फिर उजागर हुई है. यूट्यूबर और ग्रामीण एक्टिविस्ट लीला साहू के एक वीडियो ने प्रशासन और राजनीति को झकझोर कर रख दिया है. लंबे समय से खस्ताहाल और गड्ढों में तब्दील हो चुकी सड़क अब अचानक निर्माणाधीन है, वह भी अमेरिकी ‘ट्रंप रैली’ स्टाइल में- मशीनें लगी हैं, मुरूम और मिट्टी डाली जा रही है और स्थानीय लोग राहत की सांस ले रहे हैं. लीला साहू ने बीते दिनों वीडियो में दिखाया था कि किस तरह उनके गांव की सड़क पूरी तरह से खराब हो चुकी है, यहां तक कि एंबुलेंस भी घर तक नहीं पहुंच पा रही थी. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और देखते ही देखते गांव में काम शुरू हो गया. यह दृश्य गांववालों के लिए सुखद है लेकिन इसके साथ ही कई सवाल भी खड़े हो गए हैं.

सबसे बड़ी बात यह है कि इस निर्माण कार्य के पीछे कोई आधिकारिक आदेश, टेंडर या सरकारी फंडिंग का रिकॉर्ड नहीं है. ना पंचायत, ना जनपद, ना जिला प्रशासन और ना ही विधायक निधि के तहत कोई मंजूरी या प्रस्ताव सामने आया है. इससे अंदेशा है कि यह कार्य ‘ऑफ रिकॉर्ड’ हो रहा है, जिसकी वैधानिकता पर सवाल उठना लाज़िमी है. जानकारी के अनुसार, यह सड़क मरम्मत कार्य उस निजी कंपनी ने शुरू किया है, जिसके भारी वाहनों की आवाजाही ने पहले इस कच्ची सड़क को गड्ढों में बदल दिया था. अब कांग्रेस विधायक अजय सिंह ‘राहुल भैया’ के निर्देश पर वही कंपनी सड़क समतलीकरण का काम कर रही है, जिसे गांव वाले फिलहाल ‘ट्रंप रैली’ सड़क कहकर देख रहे हैं.

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सड़क की मरम्‍मत का काम तो शुरू, लेकिन क्‍या पक्‍की सड़क बन पाएगी ? 
लीला साहू ने अपने नए वीडियो में इस काम की शुरुआत को एक उपलब्धि बताया है. उनका कहना है कि अगर वीडियो से गांव में सड़क बन रही है, तो यह डिजिटल माध्यम की ताकत का प्रमाण है. लेकिन स्थानीय जागरूक लोग इसे लेकर सतर्क हैं. उनका मानना है कि बिना सरकारी प्रक्रिया, स्वीकृति या जवाबदेही के किया गया यह कार्य अस्थायी हो सकता है और आगे चलकर यह ग्रामीणों के साथ एक तरह का छल साबित हो सकता है.

ग्रामीणों को उम्‍मीद, एक दिन यह सड़क जरूर बनेगी 
सरकार, विधायक और प्रशासन चाहे इस वायरल वीडियो से खुश हो लें, लेकिन अब असली सवाल यह है कि क्या यह सड़क स्थायी रूप से बनेगी या केवल दिखावा है? क्या बिना आदेश के किसी कंपनी को सड़क बनाने देना नीति के दायरे में आता है? और क्या आने वाले समय में यह काम किसी ठोस दस्तावेज के रूप में दर्ज होगा या यूं ही गायब हो जाएगा? हालांकि ग्रामीणों को उम्‍मीद है कि उनके गांव में पक्‍की सड़क एक दिन जरूर बनेगी.

Sumit verma

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें

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