सावन की चुप्पी से टूटी किसानों की उम्मीद, नर्मदा अंचल में बारिश का इंतजार बना बेचैनी

सावन की चुप्पी से टूटी किसानों की उम्मीद, नर्मदा अंचल में बारिश का इंतजार बना बेचैनी


Last Updated:

Khandwa Rainfall Update: सावन में भी नर्मदा अंचल में बारिश न होने से खेत सूखने लगे हैं. सोयाबीन की फसलें खतरे में हैं और किसानों की चिंताएं बढ़ रही हैं. मौसम वैज्ञानिकों ने भारी बारिश से इनकार किया है.

हाइलाइट्स

  • नर्मदा अंचल में बारिश न होने से खेत सूखने लगे हैं.
  • सोयाबीन की फसलें खतरे में, किसानों की चिंताएं बढ़ीं.
  • अगले 10-12 दिन भारी बारिश की संभावना कम.

सावन का पहला हफ्ता बीत चुका है, लेकिन मध्य प्रदेश के नर्मदा अंचल में मानसून की रफ्तार थमती नजररही है. खंडवा, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर जैसे जिलों में खेतों की मिट्टी अब दरारें लेने लगी है और सोयाबीन की फसल मुरझाने की कगार पर है. किसानों की आंखें आसमान पर टिकी हैं, पर बादल जैसे दूर-दूर तक नहीं दिख रहे.

जल्द बारिश नहीं आई तो फसलें होंगी बर्बाद

खरीफ सीजन की मुख्य फसल सोयाबीन इस वक्त ग्रोथ स्टेज पर है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस समय नमी बनी रहना जरूरी है, वरना पौधे पीले पड़ने लगते हैं और पैदावार पर सीधा असर पड़ता है. खंडवा के किसान राकेश पाटीदार कहते हैं कि अच्छी शुरुआत के बाद हमें भरोसा था कि मौसम साथ देगा. अब फसल सूखने लगी है, और अगर 2-3 दिन में पानी नहीं गिरा, तो नुकसान पक्का है.”

मौसम विभाग पहले ही कर चुका था चेतावनी जारी

मौसम वैज्ञानिकों ने इस बार पहले से आगाह किया था कि खंडवर्षा” यानी असमान और बिखरी बारिश का पैटर्न रहेगा. इसी कारण किसानों को “मेड पद्धति” (Raised Bed Method) अपनाने की सलाह दी गई थी ताकि नमी बनी रहे. लेकिन अधिकांश किसानों ने परंपरागत तरीके से ही बोवनी की, जिससे सूखे में फसल की जान जोखिम में पड़ गई.

अगले 1012 दिन बारिश की उम्मीद बेहद कम

मौसम वैज्ञानिक डॉ. सौरव गुप्ता के अनुसार:

देवास और होशंगाबाद के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई है.

खंडवा में रविवार से मंगलवार के बीच बूंदाबांदी हो सकती है,

लेकिन भारी बारिश की संभावना बहुत कम है.”

प्राकृतिक कारणों के साथ मानवीय लापरवाही भी जिम्मेदार?

स्थानीय पर्यावरणविदों का मानना है किजंगलों की अंधाधुंध कटाई और जमीन की ऊपरी परत का क्षरण बारिश के चक्र में बाधा बन रहे हैं. जब तक हरियाली नहीं लौटेगी, तब तक स्थायी मानसून पैटर्न की उम्मीद बेमानी है.

homemadhya-pradesh

सावन की चुप्पी से टूटी किसानों की उम्मीद, नर्मदा अंचल में बारिश बनी बेचैनी!



Source link