हरियाणा के पेसर की इंडियन टेस्ट टीम में एंट्री: रणजी में एक पारी में 10 विकेट ले चुके, IPL में ₹3.5 करोड़ मिले; 8KM पैदल एकेडमी जाते थे – Karnal News

हरियाणा के पेसर की इंडियन टेस्ट टीम में एंट्री:  रणजी में एक पारी में 10 विकेट ले चुके, IPL में ₹3.5 करोड़ मिले; 8KM पैदल एकेडमी जाते थे – Karnal News


अंशुल कांबोज अपना पहला टेस्ट मैच इंग्लैंड में खेल सकते हैं। – फाइल फोटो

हरियाणा में करनाल जिले के तेज गेंदबाज अंशुल कंबोज की भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम में एंट्री हो गई है। वर्तमान में इंग्लैंड में चल रही 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए अंशुल को बुलावा आया है।

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बता दें कि अंशुल इन दिनों इंग्लैंड में ही हैं। वे टेस्ट सीरीज शुरू से पहले इंडिया ए टीम का हिस्सा रहे हैं, जो इंग्लैंड लॉयन क्लब के साथ अनौपचारिक दो टेस्ट खेल चुके हैं। इन दोनों टेस्ट में अंशुल ने जहां शानदार गेंदबाजी करते हुए जहां 5 विकेट लिए, वहीं बल्ले से कमाल दिखाते हुए अर्धशतक गाया। 3 ओवर में 6 रन देकर दो विकेट उनका बेस्ट बॉलिंग परफॉरमेंस रहीं।

माना जा रहा है कि इसी शानदार प्रदर्शन के आधार पर 23 जुलाई से शुरू हो रहे चौथे टेस्ट मैच में उन्हें गेंद थमाई जा सकती है। क्योंकि तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह और आकाशदीप अनफिट हैं। हालांकि, अंतिम फैसला टीम के सिलेक्टर ही लेंगे। अंशुल कंबोज का यह पहला इंटरनेशनल मैच होगा।

हालांकि, इससे पहले वह इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) और रणजी में अपनी गेंदबाजी का हुनर दिखा चुके हैं। रणजी में एक पारी में 10 विकेट लेने वाले वे तीसरे भारतीय है। चेन्नई सुपर किंग्स ने इन्हें साढ़े 3 करोड़ रुपए में खरीदा था। गुजरात के खिलाफ खेलते हुए अंशुल ने 2.3 ओवर में 6 देकर 3 विकेट हासिल किए थे।

अंशुल की इस कामयाबी के पीछे उनकी और उनके परिवार की बड़ी मेहनत है। क्रिकेट सीखने के लिए वे 8 किलोमीटर पैदल चलकर जाते थे, क्योंकि करनाल एकेडमी जाने के लिए उनके गांव फाजिलपुर से बस स्टैंड इतनी दूर है।

(बाएं से) पिता उधम सिंह, मां पिंकी और भाई संयम के साथ अंशुल कंबोज। – फाइल फोटो

सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए, अंशुल के संघर्ष की कहानी…

  • 11 साल की उम्र से क्रिकेट की शुरुआत: अंशुल ने महज 11 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। उनके पिता उधम सिंह किसान हैं, जो खुद भी क्रिकेट में दिलचस्पी रखते हैं। उन्होंने बेटे की रुचि को पहचानते हुए उसे करनाल के कोच सतीश राणा की एकेडमी में दाखिल कराया। कोच सतीश बताते हैं कि अंशुल ने कभी अभ्यास में कोताही नहीं की। वह ऑलराउंडर है। गेंदबाजी के साथ बैटिंग में भी मजबूत है।
  • ट्रेनिंग के लिए गांव छोड़ा, करनाल शिफ्ट हुए: शुरुआती दिनों में अंशुल को फाजिलपुर गांव से रोजाना करनाल जाना पड़ता था। फाजिलपुर गांव से इंद्री बस स्टैंड की दूरी करीब 8 किलोमीटर की है। वह गांव से इंद्री बस स्टैंड के लिए निकलता था। रास्ते में कोई साधन मिल जाता तो वह 10 मिनट में इंद्री बस स्टैंड पर पहुंच जाता था। अगर साधन नहीं मिलता तो वह दौड़कर या पैदल चलकर इंद्री बस स्टैंड पर पहुंचता, जिसमें करीब आधा घंटे से ज्यादा समय लग जाता था। हालांकि, यह सिलसिला तब रुक गया, जब 2020 में अंशुल करनाल शिफ्ट हो गए। उसके बाद उनकी स्कूली पढ़ाई ओपीएस विद्यामंदिर में हुई और यहीं से क्रिकेट की ट्रेनिंग का सफर आसान हुआ।
  • 2022 में रणजी ट्रॉफी के लिए सिलेक्ट हुए : अंशुल ने फरवरी 2022 में त्रिपुरा के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच से घरेलू क्रिकेट में पदार्पण किया। इसके तुरंत बाद उन्हें सीमित ओवरों के मैचों में भी मौका मिला और 2023-24 के विजय हजारे सीजन में उन्होंने 10 मैचों में 17 विकेट चटकाए और हरियाणा को खिताब दिलाया।
  • रणजी ट्रॉफी में एक पारी में लिए 10 विकेट: नवंबर 2024 में केरल के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के ग्रुप-C मुकाबले में अंशुल ने 30.1 ओवर में 49 रन देकर सभी 10 विकेट चटकाकर इतिहास रच दिया। वह रणजी में यह कारनामा करने वाले तीसरे भारतीय तेज गेंदबाज बन गए। इससे पहले 1956 में प्रेमांगशु चटर्जी और 1985 में प्रदीप सुंदरम ने एक पारी में 10 विकेट लिए थे। इसके अलावा बोर्ड के मैचों में भी अंशुल ने पांच-पांच विकेट लेकर चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा
गांव फाजिलपुर में अंशुल का घर, जहां से वह रोजाना एकेडमी जाते थे।

गांव फाजिलपुर में अंशुल का घर, जहां से वह रोजाना एकेडमी जाते थे।

IPL में मिला बड़ा मौका, 3.5 करोड़ में खरीदे गए

मुंबई इंडियन ने दिया पहला मौका : क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन की बदौलत अंशुल पर आईपीएल टीमों की नजर पड़ी। 2024 के आईपीएल सीजन में मुंबई इंडियंस ने चुना, जहां उन्होंने तीन मैच खेले और दो विकेट लिए। 2025 में हुए IPL में चेन्नई सुपरकिंग्स की ओर से खेलने का मौका मिला। इसमें वे 3.5 करोड़ में खरीदे गए। उन्होंने मौका मिलने पर शानदार प्रदर्शन किया। अब उसी निरंतरता ने उन्हें टेस्ट टीम तक पहुंचाया है।

11 मैच में झटक चुके 10 विकेट : अब तक अंशुल आईपीएल के दो सीजन खेल चुके है। इसमें उन्हें 11 मैच खेलने का मौका मिला है, जिसमें वे 10 विकेट ले चुके है। उनका औसत 28.6 और इकोनॉमी 9.08 रही है। बेस्ट बॉलिंग फिगर उनका 6 रन देकर तीन विकेट है।

परिजनों की आंखों में आंसू और चेहरे पर गर्व अंशुल की मां पिंकी और पिता उधम सिंह बेटे की सफलता से भावुक हैं। उन्होंने कहा- हमने उसकी हर सुबह में खुद को भी शामिल किया, लेकिन अब उसका परिश्रम सबके सामने है। वह कभी थकता नहीं था। हम चाहते हैं कि वह आगे चलकर भारत का बेस्ट खिलाड़ी बने।

परिवार की पृष्ठभूमि भी प्रेरणादायक अंशुल के पिता उधम सिंह किसान हैं, मां पिंकी गृहिणी हैं। दादा पूर्ण सिंह भारतीय सेना में रह चुके हैं। छोटा भाई संयम फिलहाल ग्रेजुएशन कर रहा है। एक साधारण परिवार से निकलकर अंशुल ने जो किया है, वह गांव के हर युवा के लिए एक मिसाल बन चुका है।

18 जुलाई 2025 को पुरानी अकादमी पहुंचे, बच्चों को दिए टिप्स अंशुल 18 जुलाई 2025 को करनाल में अकादमी पर आए और बच्चों के साथ प्रैक्टिस की। बच्चों ने बताया कि अंशुल उन्हें हमेशा सीख देते हैं, कभी घमंड नहीं करते और प्रेरित करते हैं कि कड़ी मेहनत से सब कुछ संभव है।



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