दतिया जिले के इंदरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिला पूजा कुशवाहा और नवजात की मौत के मामले में जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। प्राथमिक जांच रिपोर्ट में लापरवाही सामने आने पर एक संविदा नर्सिंग अधिकारी को बर्खास्त कर दिया गया है, जब
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जांच रिपोर्ट में बताया गया कि पूजा कुशवाहा को गंभीर स्थिति में अस्पताल लाया गया था। अल्ट्रासाउंड में हाई रिस्क केस की पुष्टि के बावजूद उसे जिला अस्पताल रेफर नहीं किया गया और न ही कोई लिखित आदेश दिया गया। मौके पर मौजूद डॉक्टर और स्टाफ ने मरीज की स्थिति का समुचित आंकलन नहीं किया।
इन पर हुई कार्रवाई-
- डॉ. विपिन द्विवेदी (मेडिकल ऑफिसर) और नर्सिंग ऑफिसर निशा पटेल को तत्काल निलंबित किया गया।
- संविदा नर्सिंग ऑफिसर दीपमाला लाक्षाकार को सेवा से बर्खास्त किया गया।
- बीएमओ डॉ. अरुण शर्मा, डॉ. सुनील कुशवाहा और नर्सिंग ऑफिसर रजनी धुर्वे को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ। इन्हें तीन दिन में जवाब देना होगा, वरना अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने किया निरीक्षण, व्यवस्थाओं पर जताई नाराजगी कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े ने मंगलवार को अस्पताल का औचक निरीक्षण भी किया। मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं, दवाओं की उपलब्धता, डॉक्टरों की उपस्थिति और हाई रिस्क केसों की निगरानी में लापरवाही पाई गई।
कलेक्टर बोले- यह सिर्फ एक मौत नहीं कलेक्टर ने सख्त लहजे में कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पूजा कुशवाहा सिर्फ एक मरीज नहीं, बल्कि एक मां थी। उसकी मृत्यु सामान्य नहीं थी। यह कार्रवाई अन्य अनेक पूजाओं की जान बचाने के लिए चेतावनी है। कलेक्टर ने कहा कि जनसेवा में कार्यरत कोई भी अधिकारी अगर अपने कर्तव्यों से चुकेगा, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।