कभी साइकिल से बेचा दूध, एक स्कीम ने बदली किस्मत, घर बैठे कमा रहे 70 हजार

कभी साइकिल से बेचा दूध, एक स्कीम ने बदली किस्मत, घर बैठे कमा रहे 70 हजार


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Sagar News: नरेंद्र गुप्ता ने लोकल 18 से कहा कि ऐसे मुश्किल हालातों में उन्होंने हार मानकर घर बैठने के बजाय अपने संघर्ष को जारी रखा. कुछ साल बाद जब वह इससे उबरने लगे, तो उन्होंने डेयरी प्लांट शुरू किया और दूध क…और पढ़ें

सागर. कहते हैं सफलता संघर्ष मांगती है और मेहनत जितनी अधिक होगी, इसका फल भी उतना ही मीठा होता है. ऐसा ही कुछ हुआ है मध्य प्रदेश के सागर के नरेंद्र गुप्ता के साथ. वह कभी साइकिल से दूध बेचते थे और आज वह 70 हजार रुपये महीने की घर बैठे कमाई कर रहे हैं. उन्होंने कुछ लोगों को रोजगार भी दिया है. उनकी कहानी कुछ ऐसी है कि पढ़ाई करने के बाद उन्होंने दूध का काम शुरू कर दिया था. जिस समय काम शुरू किया, उस समय उनकी उम्र 23 साल थी. इस काम से वह अपना परिवार मुश्किल से चला पाते थे. तब उन्होंने दूध की पाउचिंग शुरू की लेकिन इसमें उन्हें नुकसान हुआ और कर्ज भी हो गया.

नरेंद्र गुप्ता ने कहा कि ऐसे मुश्किल हालातों में उन्होंने हार मानकर घर बैठने के बजाय संघर्ष को जारी रखा. कुछ साल बाद जब वह इससे उबरने लगे, तो फिर डेयरी प्लांट लगाया और दूध के प्रोडक्ट तैयार करने लगे. यह काम धीरे-धीरे चल पड़ा. रोजाना 300 से 400 लीटर दूध की खपत करने लगे लेकिन इसमें उन्हें उतना मजा नहीं आ रहा था. इसके बाद उन्होंने पीएमएफएमई योजना के तहत 26 लाख रुपये का लोन लिया, जिसमें उन्हें 10 लाख रुपये की सब्सिडी मिली.

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हर दिन 1200 से 1500 लीटर दूध की खपत
नरेंद्र गुप्ता ने जो लोन लिया था, उससे उन्होंने डेयरी से संबंधित बड़े-बड़े उपकरण खरीदे और कभी 300-400 लीटर का दूध खपाने वाले नरेंद्र अब हर दिन 1200 से 1500 लीटर तक दूध की खपत करने लगे. इस हिसाब से वह हर महीने करीब 70 हजार रुपये कमा रहे हैं. वह अपने डेयरी प्लांट पर दूध से मीठा दही, घी, पनीर और खोया तैयार करते हैं. इन सभी डेयरी प्रोडक्ट की सप्लाई वह अपनी दुकान से ही कर रहे हैं.

10 लाख रुपये तक सब्सिडी
सागर के उद्यानिकी विकास अधिकारी रामकुमार यादव लोकल 18 को बताते हैं कि लोगों को उद्योग शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना पीएमएफएमई के तहत अलग-अलग तरह के स्टार्टअप शुरू करने के लिए न सिर्फ विभागीय मदद मिल रही है बल्कि लोन भी दिया जा रहा है. इसमें 10 लाख रुपये तक सब्सिडी दी जा रही है. इसी योजना के तहत नरेंद्र गुप्ता को भी मदद मिली है. जिसके बाद उन्होंने अपने प्लांट को बढ़ा लिया और अब अच्छी कमाई कर रहे हैं. इसी तरह दूसरे लोग भी इसका लाभ ले सकते हैं.

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