‘कश्मीर जैसी फीलिंग सागर में ही आने लगी है…’ शिकारा शुरू होने पर बोली सैलानी

‘कश्मीर जैसी फीलिंग सागर में ही आने लगी है…’ शिकारा शुरू होने पर बोली सैलानी


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Sagar News: महिला पर्यटकों ने कहा कि पहले तो यहां लोगों का आना लगभग बंद ही हो गया था लेकिन अब तो पूरी तस्वीर ही बदल गई है. लाइटें लगने से रात में भी घूम सकते हैं और शिकारा की सैर का तो कोई जवाब ही नहीं है. सागर…और पढ़ें

सागर. शिकारा का लुत्फ उठाने के लिए अब कश्मीर जाने की जरूरत नहीं, आपकी यह हसरत बुंदेलखंड के सागर में ही पूरी हो जाएगी और वह भी महज 20 रुपये के खर्च पर. जी हां, कश्मीर के लिए बेचैन रहने वालों को अब सागर में ही शिकारा की सैर का आनंद मिल रहा है. यहां खूबसूरत लाखा बंजारा झील में भी डल झील की तरह शिकारा बोट चलाई जा रही हैं, जो न सिर्फ शहरवासियों को आकर्षित कर रही हैं बल्कि अब तो लोग भी खासकर इनकी सैर के लिए यहां आने लगे हैं. सागर झील में जो भी एक बार शिकारा का लुत्फ उठाता है, फिर यह झील उसे अपना बना लेती है. दिन में जहां हरी-भरी वादियां नजर आती हैं, तो रात में झील की लहरें किसी मणि की तरह दमकती हैं.

सागर की ऐतिहासिक 400 साल पुरानी लाखा बंजारा झील का 100 करोड़ रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण किया गया है. इसके तहत तालाब के किनारे स्थित प्रसिद्ध स्थानों पर सुसज्जित घाट तैयार किए गए हैं, जहां पर घूमने के लिए लोग आते थे, तो यहां नाविकों द्वारा सैर-सपाटा करवाया जाता था लेकिन अब पर्यटकों को और ज्यादा आकर्षित करने रात में झीलों की सैर कराने के लिए नावों को मॉडिफाई करवाया गया है.

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बदल दी नावों की सूरत
बोट चालकों द्वारा नावों में रंग-बिरंगी लाइटिंग करवाई गई है, साउंड सिस्टम रखे गए हैं, सजावट के लिए रेडीमेड फूल लगवाए गए हैं, झालरें लटकाई गई हैं, साथ ही कपल्स को आकर्षित करने वाले हार्ट वाले टेडी भी शिकारा पर नजर आ रहे हैं, जो इसे और भी ज्यादा सुंदर बना रहे हैं. यहां आने वालीं महिला सैलानियों ने कहा कि पहले तो यहां लोगों का आना ही बंद हो गया था लेकिन अब तो पूरी सूरत ही बदल गई है. लाइटिंग होने से रात में भी घूम सकते हैं और शिकारा की सैर का तो कोई जवाब ही नहीं है. कश्मीर जैसी फीलिंग सागर में ही आने लगी है.

लाखा बंजारा झील सागर शहर की आत्मा
सागर नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री ने लोकल 18 को बताया कि लाखा बंजारा झील सागर शहर की आत्मा है और यह अच्छे से उभरकर सामने आई है. स्मार्ट सिटी के तहत इसका विकास किया गया है. सागर के जो बोट संचालक हैं, उनके द्वारा बहुत अच्छा प्रयास किया गया है. यहां पर चित्रकूट और डल झील की तर्ज पर नाव चलाई जा रही हैं, जो सैलानियों को बहुत पसंद आ रही हैं.

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