नृत्य और संगीत से गूंज उठा मंदिर परिसर।
श्रावण-भादौ मास के अवसर पर महाकाल लोक में चल रही ‘श्री महाकालेश्वर सांस्कृतिक संध्या’ के सातवें दिन भरतनाट्यम और समूह कथक की प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम शाम 6 से 8 बजे तक श्री महाकाल महालोक मंच पर आयोजित किया गया।
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कार्यक्रम की शुरुआत शिप्रा जायसवाल ने भगवान गणेश की वंदना से की। इसके बाद उन्होंने भरतनाट्यम शैली में ‘श्रीराम की स्तुति’ प्रस्तुत की, जो कीर्तनम शैली में थी। अंतिम प्रस्तुति ‘शंभो शिव शंभु स्वयं भू…’ रही, जिसमें भाव, भंगिमा और संगीत का समृद्ध संगम दिखाई दिया।
भरतनाट्यम और समूह कथक की प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया।
दूसरी प्रस्तुति में मृणालिनी डांस अकादमी की छात्राओं ने मृणालिनी चौहान के निर्देशन में मंच पर नृत्य प्रस्तुत किए। कार्यक्रम की शुरुआत ‘गाइए गणपति जगवंदन…’ से हुई, जिसके बाद ‘श्रीकृष्ण गिरिधर थुंग थुंग…’ की प्रस्तुति में कथक शैली के परण, तिहाई, तोड़े, कवित्त और नृत्य गीतों की सुंदर प्रस्तुति दी गई।
इसके अलावा पंचाक्षर स्तोत्र और गंगा अवतरण प्रसंग पर आधारित नृत्य नाटिका भी प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम का समापन भगवान श्री महाकालेश्वर की आरती के साथ हुआ।
इस दौरान मंच पर भूमिका पांचाल, जेसिका पटवा, यश्वी पांचाल, दिव्यांशी सोलंकी, त्रिशा सोलंकी, स्नेहा आंजना, सिद्धी रायकवार, महिमा रायकवार, काव्या कोली, तनिशा मदरासिया, सृष्टि पंवार, माही आंजना, ईशा सक्सेना और राखी पांचाल ने अपनी नृत्य प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
कार्यक्रम की शुरुआत महापौर मुकेश टटवाल और दिनेश पुजारी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुई। मंच पर उप प्रशासक एसएन सोनी ने सभी अतिथियों और कलाकारों का स्वागत किया।