विदिशा जिले की सभी तहसीलों में सहायक पटवारी के रूप में काम कर रहे कर्मचारियों ने मंगलवार को प्रशासन से लंबित वेतन और काम की शर्तों में सुधार की मांग को लेकर आवेदन सौंपा। इन कर्मचारियों का कहना है कि वे एक वर्ष से अधिक समय से लगातार राजस्व विभाग के वि
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आवेदन में बताया गया कि वर्तमान में जिलेभर में 3000 से अधिक सहायक पटवारी कार्यरत हैं, जो प्रतीक पटवारी हल्कों में शासन द्वारा तय कार्यों को पूरा कर रहे हैं। इनमें से अधिकतर युवाओं के पास ID कार्ड तक नहीं है, जिससे क्षेत्र में कार्य करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
ये प्रमुख मांगे रखीं-
- अब तक किए गए सभी कार्यों का पारिश्रमिक तत्काल दिया जाए
- सभी सहायक पटवारियों को पहचान पत्र (ID कार्ड) दिए जाएं
- ₹8 प्रति खसरा की दर को खत्म कर प्रतिमाह तयशुदा मानदेय दिया जाए
- छाता, रेनकोट और जूते जैसे कार्य संबंधी सुरक्षा सामग्री उपलब्ध कराई जाए
- कार्यरत सर्वेयरों को दुर्घटना बीमा और “राजस्व सहायक” का दर्जा दिया जाए
- नई भर्ती पर रोक लगाई जाए, कार्यरत सर्वेयरों को बिना कारण हटाया न जाए
- फार्मर ऐप में OTP और फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण की सुविधा जोड़ी जाए
स्थायी व्यवस्था की मांग सर्वेयरों ने कहा कि किसानों से जुड़े राजस्व कार्य भविष्य में उन्हीं के माध्यम से कराए जाएं, ताकि ग्रामीण युवाओं को स्थायी रोजगार मिले और किसानों को भी त्वरित सेवा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो सके।
प्रशासन से शीघ्र निर्णय की अपील आवेदन में यह भी स्पष्ट किया गया कि 1 अगस्त से फिर से गिरदावरी का काम प्रारंभ हो रहा है। यदि कार्य शुरू होने से पहले वेतन संबंधी निर्णय नहीं हुआ, तो आगे सहयोग कर पाना मुश्किल होगा।