Last Updated:
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को मध्यप्रदेश के 27% ओबीसी आरक्षण से जुड़े मामले की सुनवाई हुई. यह याचिका MPPSC के चयनित अभ्यर्थियों द्वारा लगाई गई थी. इनकी मांग थी कि 13% होल्ड पदों को तत्काल अनहोल्ड किया जाए. सुनवा…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- मप्र सरकार ने लिया यू-टर्न, 6 साल बाद पहली बार ओबीसी याचिका का समर्थन.
- 13% होल्ड पदों को अनहोल्ड करने की मांग, सरकारी भर्ती अटकी हुई.
- अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद, सुप्रीम कोर्ट ने नोटिफिकेशन पर उठाए सवाल.
सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि राज्य सरकार खुद चाहती है कि 13% पदों को होल्ड से हटाया जाए और पूरी 27% आरक्षण नीति को लागू करते हुए भर्ती प्रक्रिया फिर से शुरू की जाए. उन्होंने बताया कि 22 सितंबर 2022 को सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर इन पदों को होल्ड पर रखा था, लेकिन अब उसकी जरूरत नहीं रही. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि जब 27% ओबीसी आरक्षण का कानून विधानसभा से पारित हो चुका है, तो उसके खिलाफ अधिसूचना जारी करने की जरूरत क्यों पड़ी? कोर्ट ने सरकार से इस नोटिफिकेशन के पीछे का कारण स्पष्ट करने को कहा.
सुप्रीम कोर्ट में हुई इस सुनवाई को मील का पत्थर बताया
ओबीसी महासभा और अन्य सामाजिक संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में हुई इस सुनवाई को मील का पत्थर बताया है. संगठनों का कहना है कि छत्तीसगढ़ की तरह मध्यप्रदेश में भी 27% आरक्षण को बिना रोकटोक लागू किया जाना चाहिए. अब इस मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी. माना जा रहा है कि इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट यह तय कर सकता है कि 13% होल्ड पदों को लेकर जारी स्टे को हटाया जाए या नहीं. यदि कोर्ट स्टे हटाता है, तो लंबे समय से ठप भर्तियों को फिर से गति मिलने की उम्मीद है.
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें