इंदौर के ही सरकारी महाराजा तुकोजीराव हॉस्पिटल (MTH) में 10 डॉक्टरों की टीम ने दो घंटे तक सर्जरी की।
इंदौर की एक 45 साल की महिला 6 सालों से गर्भावस्था जैसे मोटे पेट की समस्या से परेशान थी। उसे कई प्रकार की तकलीफें थीं। उसने इंदौर के ही सरकारी महाराजा तुकोजीराव हॉस्पिटल (MTH) में दिखाया। यहां डॉक्टरों ने उसकी सोनोग्राफी सहित अन्य जांच की, तो हैरान रह
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डॉ. सुमित्रा यादव (एचओडी, गायनिक विभाग) ने बताया कि गठानों का आकार 6 से 7 सेंटीमीटर तक था। बच्चेदानी से इतनी अधिक संख्या में गठानें निकालने का यह पहला मामला है। महिला पिछले 6 सालों से परेशान थी। उसने कई अस्पतालों में इलाज कराया, जहां उसे दवाइयां दी गईं। डॉक्टरों ने उसे बताया कि इन दवाइयों से कुछ समय बाद गठानें गल जाएंगी, लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद उसका पेट असामान्य रूप से बड़ा दिखने लगा।
इन डॉक्टरों की टीम ने की सर्जरी।
10 डॉक्टरों की टीम ने दो घंटे तक की सर्जरी
डॉ. सुमित्रा यादव ने बताया कि पिछले हफ्ते जब महिला एमटीएच में दिखाने आई, तो पहली नजर में ऐसा लगा कि वह गर्भवती है। जब सोनोग्राफी की गई तो उसमें तीन गठानें नज़र आईं, लेकिन अधिक संख्या में गठानें होने की आशंका थी। इसके बाद 10 डॉक्टरों की टीम ने दो घंटे तक सर्जरी की।
डॉ. विभा मोजेस ने बताया कि जब सर्जरी शुरू की गई तो एक के बाद एक गठान निकलती गई। अगर महिला देर से अस्पताल आती, तो सर्जरी न हो पाने की स्थिति में उसकी किडनी सहित अन्य अंगों को खतरा हो सकता था।
सर्जरी के दौरान अन्य अंगों को सुरक्षित रखने के लिए विशेष सावधानी बरती गई। सर्जरी टीम में डॉ. झलक अग्रवाल, डॉ. मोनिका गांधी, डॉ. दीपाली बलेचा, डॉ. सुरभि पोरवाल, डॉ. मंजू गांधी, डॉ. श्रावणी, भावना सेन, रीना सोलंकी सहित अन्य स्टाफ शामिल रहा।