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Stray Animal Control: किसानों को ऐसा फार्मूला बताते हैं जिसके इस्तेमाल से नीलगाय, छुट्टा जानवर खेतों के पास नहीं भटकेंगे और फसल का उत्पादन भी बढ़ेगा. फसलों को बचाने का यह एक सस्ता, सुरक्षित और असरदार तरीका है.
जितनी मेहनत किसानों को फसल बोने में करनी पड़ती है, उससे कहीं ज्यादा मेहनत उसकी देखरेख में होती है. इसके लिए किसान रात-रात भर जागते हैं. लेकिन, आपको ऐसा फार्मूला बताते हैं जिसके इस्तेमाल से नीलगाय, छुट्टा जानवर खेतों के पास नहीं भटकेंगे और फसल का उत्पादन भी बढ़ेगा.

खेती में किसानों को बुआई से लेकर फसल तैयार करने तक कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. लेकिन, जंगली जानवर फसलों को नष्ट कर देते हैं.

इससे उन्हें काफी नुकसान होता है और पूरी मेहनत पानी की तरह बह जाती है. इससे बचने के लिए किसान तरह-तरह के जतन करते हैं. नील गायों से फसल बचाने का आसान और कारगर तरीका खोज निकाला गया है.

लेकिन, आज हम आपको घर में तैयार होने वाले एक ऐसे घोल के बारे में बता रहे हैं, जिसे खेतों में छिड़कने पर जंगली जानवर फसलों को खाना तो दूर पास भी नहीं भटकेंगे. खास बात ये कि इसमें किसान का कोई खर्च भी नहीं आएगा.

कृषि वैज्ञानिक डॉ. जीएस कुलमी ने बताया कि किसान नीम की पत्ती और गोबर पानी से ऐसा चमत्कारी घोल बना सकते हैं, जिससे फसल को जानवरों से बचाया जा सकता है. इससे किसानों को दोहरा फायदा होगा. एक तो उत्पादन में कमी नहीं आएगी और दूसरा जानवर व कीट नुकसान नहीं करेंगे.

यह घोल इतना बढ़िया होता है कि जानवर फसल के आसपास भी नहीं घूमेंगे. खेत के पास आ भी गए तो फसल को सूंघते ही खेत से भाग जाएंगे. इससे न सिर्फ फसलें सुरक्षित रहेंगी बल्कि जमीन की उपजाऊ शक्ति भी बनी रहेगी.

एक किलो नीम की पत्ती को पीसकर 1 किलो गोबर और 20 लीटर पानी में मिलाकर 10 घंटे के लिए रख दें. घोल बनकर तैयार हो जाएगा. फिर फसल में इसे छिड़क दें. नीम की पत्ती कड़वी होने के कारण फसल जानवर नहीं खाएंगे और गोबर की तेज गंध की वजह से जानवर सूंघते ही भागने लगेंगे.

किसान इस घोल का उपयोग करते हैं तो जंगली जानवर के साथ-साथ फसलों में कीट का प्रकोप भी नहीं होगा. साथ ही किसानों को दिन-रात फसलों की सुरक्षा करने में लगने वाली मेहनत, तार फेंसिंग, बाउंड्री जैसे कार्यों पर रुपये खर्च करने से राहत मिलेगी.