BCCI नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल के दायरे में आएगा: कल संसद में बिल पेश होगा; बोर्ड के पूर्व सेक्रेटरी बोले- इसकी जरूरत नहीं

BCCI नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल के दायरे में आएगा:  कल संसद में बिल पेश होगा; बोर्ड के पूर्व सेक्रेटरी बोले- इसकी जरूरत नहीं


नई दिल्ली10 मिनट पहले

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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अब नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल के दायरे में आएगा। यह बिल बुधवार को संसद में पेश किया जाएगा।

न्यूज एजेंसी PTI ने खेल मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से लिखा- ‘जब यह बिल कानून बन जाएगा तब BCCI को वैसे ही इसका पालन करना पड़ेगा, जैसे बाकी राष्ट्रीय खेल महासंघ देश के कानूनों का पालन करते हैं।’

क्रिकेट के 2028 के लॉस एंजिलिस ओलिंपिक में शामिल होने से BCCI अब ओलिंपिक मूवमेंट का हिस्सा बन चुका है। यह बिल खेल संगठनों में समय पर चुनाव, प्रशासनिक जवाबदेही और खिलाड़ियों की भलाई तय करने के लिए एक मजबूत स्ट्रक्चर बनाने के लिए लाया जा रहा है।

क्रिकेट को 2028 के लॉस एंजिलिस ओलिंपिक में शामिल किया गया है।

क्रिकेट को 2028 के लॉस एंजिलिस ओलिंपिक में शामिल किया गया है।

BCCI के पूर्व सेक्रेटरी संजय जगदाले ने इस पर दैनिक भास्कर से कहा-

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मुझे BCCI के इस बिल के दायरे पर लाने की संभावना नजर नहीं आती है। मुझे लगता है कि BCCI सबसे व्यवस्थित ढंग से संचालित होने वाली संस्था है। टीम भी अच्छा परफॉर्म कर रही है। ऐसे में भारत के अन्य नेशनल स्पोर्ट्स एसोसिएशन को BCCI से सीखना चाहिए, न कि इसे सरकार के दायरे में लाना चाहिए।

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7 दिन पहले खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने भी यह बिल लाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था-

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इस विधेयक के तहत एक नियामक बोर्ड बनेगा जिसे राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को मान्यता देने और उन्हें फंडिंग प्रदान करने का अधिकार होगा। बोर्ड यह भी सुनिश्चित करेगा कि खेल महासंघ उच्चतम प्रशासनिक, वित्तीय और नैतिक मानकों का पालन करें।

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5 सवालों में जानिए इस बिल के आने से भारतीय क्रिकेट में क्या बदलाव होंगे?

सवाल-1: इस बिल को लाने की जरूरत क्यों पड़ी? BCCI एक स्वायत्त संस्था है। यह सरकार से कोई अनुदान नहीं लेती। ऐसे में सरकार का BCCI पर कोई नियंत्रण नहीं है। सरकार इसे अपने अधीन करना चाहती है। लेकिन, इसके फैसलों में पारदर्शिता की कमी और अंदरूनी राजनीति की वजह से सरकार इसे एक खुले और उत्तरदायी सिस्टम के तहत लाना चाहती है।

  • BCCI को सरकारी पैसे की जरूरत नहीं होती, इसलिए यह अब तक खुद को सरकारी नियमों से अलग मानता रहा है। हालांकि, क्रिकेट भारत का सबसे लोकप्रिय खेल है और इसका सीधा संबंध जनता और खिलाड़ियों से है, इसलिए यह जरूरी हो गया है कि BCCI भी सरकार के प्रति जवाबदेह हो।
  • अब जब क्रिकेट को 2028 लॉस एंजिलिस ओलिंपिक में शामिल कर लिया गया है, और BCCI भी ओलिंपिक मूवमेंट का हिस्सा बन गया है, तो उसे बाकी राष्ट्रीय खेल महासंघों की तरह नियमों के अधीन लाना जरूरी हो गया है।
  • BCCI में चुनाव और पदाधिकारियों के कार्यकाल को लेकर अक्सर विवाद होते रहे हैं। लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के बावजूद सुधार अधूरे रह गए। नया बिल समय पर चुनाव, स्पष्ट नियम और प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।
  • खिलाड़ियों की भलाई, करियर सुरक्षा और उनके हितों की रक्षा के लिए यह बिल तैयार होगा। जिससे खिलाड़ी शोषण, राजनीति या भेदभाव से बच सकें।

सवाल-2: क्या पहले भी BCCI को सरकार के दायरे में लाने के प्रयास हो चुके हैं? हां, BCCI को सरकार के दायरे में लाने की मांग समय-समय पर उठती रही है। भारत सरकार इसके पीछे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने जैसे तर्क देती रही है।

सवाल-3: इस बिल से क्रिकेट प्लेयर्स की फीस पर कोई असर पड़ेगा? बिल का मकसद खिलाड़ियों की सैलरी तय करना नहीं है। अभी तक नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल के ड्राफ्ट या विवरण में ऐसा कोई संकेत नहीं है कि इससे क्रिकेट खिलाड़ियों की फीस या सैलरी पर सीधा असर पड़े। BCCI भारतीय क्रिकेटरों को अलग-अलग फॉर्मेट में अलग-अलग मैच फीस देती है। टेस्ट मैचों के लिए 15 लाख रुपए प्रति मैच, वनडे मैचों के लिए 6 लाख रुपए प्रति मैच और T20I मैचों के लिए 3 लाख रुपए प्रति मैच फीस दी जाती है।

सवाल-4: इस बिल से ICC और BCCI के रिश्तों में असर होगा या नहीं? नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल से BCCI और ICC के रिश्तों पर सीधा असर पड़ने की संभावना बहुत कम है। ICC एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संस्था है और BCCI उसका सदस्य है।

ICC के नियमों के मुताबिक, किसी क्रिकेट बोर्ड को सरकारी हस्तक्षेप से स्वतंत्र रहना चाहिए। अगर किसी देश की सरकार क्रिकेट बोर्ड के काम में ज्यादा दखल देती है, तो ICC उसे निलंबित भी कर सकता है। जैसा कि पाकिस्तान, नेपाल और जिम्बाब्वे के केस में हो चुका है।

सरकार BCCI को पूरी तरह अपने अधीन नहीं कर रही, बल्कि चाहती है कि वह पारदर्शी और जवाबदेह तरीके से काम करे। अगर यह बिल BCCI की स्वतंत्रता को बरकरार रखते हुए लागू होता है, तो ICC को कोई आपत्ति नहीं होगी। ICC की कुल आय का लगभग 40% से ज्यादा हिस्सा BCCI से आता है। BCCI सबसे ताकतवर क्रिकेट बोर्ड है, इसलिए ICC भी उसके साथ टकराव से बचना चाहता है।

सवाल-5: क्या इस बिल के आने से टीम इंडिया के प्रदर्शन पर असर होगा? हां, इस बिल के आने से भारतीय टीम के प्रदर्शन पर असर हो सकता है। क्योंकि, इस बिल के आने से ट्रेनिंग, कैंप, सिलेक्शन जैसे अहम प्रक्रियाओं में सरकार का हस्ताक्षेप बढ़ेगा। ऐसे में टीम इंडिया के प्रदर्शन पर असर पड़ने की संभावना है।

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