MP कैबिनेट का बड़ा ऐलान: नया डेटा सेंटर और सस्ती गाड़ियां, उज्जैन-ग्वालियर मेले में 50% टैक्स छूट

MP कैबिनेट का बड़ा ऐलान: नया डेटा सेंटर और सस्ती गाड़ियां, उज्जैन-ग्वालियर मेले में 50% टैक्स छूट


भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार ने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और आम जनता को राहत देने वाले बड़े फैसले लिए हैं. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उज्जैन और ग्वालियर के मेलों-विक्रमोत्सव व्यापार मेला और राजमाता सिंधिया मेला-में ऑटोमोबाइल्स पर 50% टैक्स छूट को मंजूरी दी गई. इससे स्थानीय बाजार में वाहन खरीदारी को प्रोत्साहन मिलेगा और जनता को सीधा आर्थिक लाभ होगा. सरकार ने इस बैठक में मध्यप्रदेश में एक अत्याधुनिक डेटा सेंटर स्थापित करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है. यह डेटा सेंटर न सिर्फ डिजिटल एमपी की दिशा में बड़ा कदम होगा, बल्कि इसे देश के प्रमुख डेटा हब्स में शामिल करने की योजना है. इससे आईटी सेक्टर को गति मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

बैठक में महाकाल सवारी में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड संख्या का ज़िक्र करते हुए नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि प्रशासन की व्यवस्थाओं की सराहना हुई है. सरकार का लक्ष्य अब महाकाल यात्रा को राष्ट्रीय धार्मिक आयोजन के रूप में स्थापित करना है. साथ ही पचमढ़ी और टाइगर रिजर्व क्षेत्रों को बायोस्फीयर घोषित कर पर्यावरणीय पर्यटन को बढ़ावा देने पर भी चर्चा हुई. इन निर्णयों से राज्य में विकास, रोजगार और पर्यटन को नई दिशा मिलने की उम्मीद है.

महोत्सवों में टैक्स छूट से बढ़ेगी बिक्री
उज्जैन में लगने वाले विक्रमोत्सव व्यापार मेला और ग्वालियर के राजमाता सिंधिया मेला में ऑटोमोबाइल्स पर 50% टैक्स छूट दी जाएगी. सरकार का मानना है कि इससे स्थानीय व्यापार, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को नई रफ्तार मिलेगी.

किसानों को खाद की चिंता न हो
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसानों को बोवनी के समय खाद की कमी या काला बाजारी का सामना न करना पड़े. प्रशासन और संबंधित विभागों को सख्ती से निगरानी करने के आदेश दिए गए हैं. उर्वरकों की गुणवत्ता और समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी गई है.

बायोस्फीयर व टाइगर रिजर्व का संरक्षण
बैठक में पचमढ़ी, टाइगर रिजर्व और अन्य जैव विविधता क्षेत्रों को बायोस्फीयर के रूप में विकसित करने और पर्यटन को पर्यावरण संतुलन के साथ बढ़ावा देने की रणनीति पर भी सहमति बनी.

पुरानी जल परियोजनाएं होंगी अपग्रेड
कैबिनेट ने गांधी सागर और राणा प्रताप जल विद्युत गृह के नवीनीकरण की मंजूरी दी. इस परियोजना में कुल 1037 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें राज्य सरकार 30% हिस्सा वहन करेगी.

11 हजार करोड़ का निवेश प्रस्ताव
भोपाल में हुई मीटिंग के दौरान सीएम ने अपनी दुबई और स्पेन यात्रा की जानकारी भी साझा की. बताया गया कि इन देशों से 11 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए हैं, जो फूड प्रोसेसिंग, ग्रीन एनर्जी, कपड़ा उद्योग और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र से जुड़े हैं.



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