इंजीनियरिंग कॉलेज के होस्टल में पिछले एक वर्ष से रह रहे प्रथम वर्ष के छात्रों को प्राचार्य ने होस्टल खाली करने के निर्देश देते हुए पत्र जारी किया है। कॉलेज प्रशासन के इस निर्णय के विरोध में मंगलवार को छात्रों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर प्रदर्शन किय
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डॉ. आंबेडकर विद्यार्थी संगठन (डीएवीएस) के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष राम सोलंकी के नेतृत्व में छात्र मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। छात्रों ने बताया कि उन्होंने पिछले वर्ष ही शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में होस्टल में प्रवेश लिया था। दूसरे सेमेस्टर की एग्जाम दे चुके इन छात्रों को अब प्रथम सेमेस्टर में नए प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए होस्टल खाली करने के लिए कहा जा रहा है। प्राचार्य डॉ. जेके श्रीवास्तव ने इस संबंध में एक पत्र भी जारी किया है।
छात्रों का कहना है कि हम सभी छात्र निम्न एवं सामान्य परिवारों से हैं। एक साल की पढ़ाई करने के बाद अब अचानक हम लोग होस्टल खाली कर कहां जाएंगे। कुल 22 छात्र हैं, जिन्हें अब होस्टल खाली करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। छात्रों ने बताया दूसरे सेमेस्टर का रिजल्ट भी आना बाकी है। छात्रों ने कलेक्टर के नाम उनके प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपकर प्राचार्य के इस आदेश को निरस्त करवाने की मांग की।
प्राचार्य डॉ. श्रीवास्तव का कहना है कि पुरानी होस्टल बिल्डिंग जर्जर होने के कारण उसे पीडब्ल्यूडी ने अनुपयोगी घोषित कर दिया था। इसलिए केवल 24 कमरे वाला एक ही नया होस्टल हमारे पास है। प्रतिवर्ष 400 से अधिक विद्यार्थी कॉलेज में प्रवेश ले रहे हैं। ऐसी स्थिति में वार्डन और अन्य स्टाफ के साथ मिलकर यह निर्णय लिया गया था कि प्रथम वर्ष की पढ़ाई के बाद विद्यार्थियों से होस्टल खाली करवा कर नव प्रवेशित विद्यार्थियों को आवंटन किया जाएगा। पिछले वर्ष एडमिशन देते समय भी इन विद्यार्थियों को यह स्पष्ट कर दिया गया था कि उन्हें एक साल बाद होस्टल खाली करना पड़ेगा। अब वह मुकर रहे हैं।