‘आम आदमी को लूटने का काम…’ अब ग्रामीणों से वसूला जाएगा योजना का पैसा

‘आम आदमी को लूटने का काम…’ अब ग्रामीणों से वसूला जाएगा योजना का पैसा


रिपोर्ट- शिवकांत आचार्य, भोपाल. मध्य प्रदेश में ग्रामीण जल आपूर्ति योजना को लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने नया दिशा-निर्देश जारी किया है. अब गांवों में पाइपलाइन, जल स्रोत और अवसंरचना विकास के लिए ग्रामीणों से आर्थिक सहयोग लिया जाएगा. वहीं बीजेपी ने इसे लोकहित में बताया है, तो कांग्रेस ने राज्य सरकार के इस फैसले का जोरदार विरोध किया है. दरअसल पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिला और जनपद पंचायतों को आदेश दिया है कि जल आपूर्ति योजना की लागत में गांवों से जन सहयोग राशि ली जाए.

आदेश के मुताबिक, जिन गांवों में अनुसूचित जाति और जनजाति की आबादी 50 फीसदी या उससे ज्यादा है, वहां ग्रामीणों से कुल लागत का 5 फीसदी वसूला जाएगा जबकि अन्य गांवों से 10 फीसदी की जनभागीदारी अनिवार्य होगी.

आदेश में लिखा है-
-पेयजल प्रदाय योजना की कुल लागत की 5 से 10 फीसदी राशि जन सहयोग के रूप में एकत्रित की जाएगी.
-अनुसूचित जाति और जनजाति वाले क्षेत्र में योजना की अतः ग्राम पाइपलाइन जलापूर्ति अब संरचना की कुल लागत की 5 फीसदी राशि एकत्रित की जाएगी. शेष क्षेत्रों में 10 फीसदी की राशि एकत्रित की जाएगी.
-अति गरीब परिवार जिनके निश्चित आय के साधन न हों, ऐसे परिवारों से जन सहयोग राशि नहीं ली जाएगी.
-जन सहयोग राशि में नवीन कनेक्शन राशि समाहित होगी.
-जन सहयोग राशि ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा निर्धारित किस्तों में उपभोक्ता से ली जा सकती है.
-जन सहयोग राशि नकद श्रमदान सामग्रियों के रूप में ली जा सकती है.

आम आदमी को लूटने का काम: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस ने इस आदेश का विरोध किया है. पूर्व कांग्रेस विधायक शैलेंद्र पटेल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार इस बात की मांग कर रही है कि सरकार आर्थिक स्थिति का श्वेत पत्र जारी करे. असली लेखा-जोखा जनता को बताए. आप बजट में तो कारीगरी कर जाते हैं लेकिन विकास कार्य ठप हैं. योजनाओं के लिए पंचायत में पैसे पहुंच नहीं रहे हैं. व्यक्तियों को लाभ पहुंच नहीं पा रहा है, ऊपर से वसूली की एक नई परंपरा यह पार्टी (बीजेपी) कर रही है. जलप्रदाय योजनाओं में पहले बिजली बिल के नाम से पंचायत राशि वसूलते थे लेकिन जो लागत लग रही है, वह भी आप वसूल लेंगे. इससे प्रदेश की क्या हालत हो सकती है, समझ सकते हैं. सरकार आर्थिक स्थिति सुधार नहीं पा रही है. कभी स्पेन की बात करते हैं, कभी दुबई की बात करते हैं, इन्वेस्टमेंट आ नहीं रहा है. प्रदेश में आर्थिक प्रगति हो नहीं रही है. आम आदमी को आप लूटने का काम कर रहे हैं.

अगर सरकार का खजाना खाली होता, तो…
वहीं बीजेपी प्रवक्ता डॉ गुलरेज शेख ने इस बारे में कहा कि सरकार का यदि खजाना खाली होता, तो जिस प्रकार से नई-नई योजनाएं आ रही हैं रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए, चाहें वो राज्य की योजना हो या केंद्र की योजना हो, जिनका खजाना खाली होता है, वो ऐसी योजनाएं लाने की सोच भी नहीं सकते हैं. जो लोगों को जोड़कर काम किया जाता है, जन-भागीदारी से जो काम करवाए जाते हैं, उनके परिणाम सुखद आते हैं लेकिन कांग्रेस को न समाज को जोड़कर काम करने का बोध है और न उनके नेता समझ सकते हैं. जल संवर्धन एक ऐसा काम है, इसलिए जब किसी कार्य में समाज को जोड़ लेते हैं, तो उस काम को यानी उस योजना को पंख लग जाते हैं, इसलिए हम जन सहयोग की बात कर रहे हैं.



Source link