उज्जैन का वो शिव मंदिर जहां यमराज भी गए हार, दर्शन मात्र से बढ़ती है उम्र, आचार्य से जानें रोचत इतिहास

उज्जैन का वो शिव मंदिर जहां यमराज भी गए हार, दर्शन मात्र से बढ़ती है उम्र, आचार्य से जानें रोचत इतिहास


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Ujjain Markandeshwar Mahadev Temple: उज्जैन के मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर में सावन के पवित्र माह में हजारों श्रद्धालु दर्शन और पूजन के लिए उमड़ते हैं। यह मंदिर ऋषि मार्कंडेय की कथा से जुड़ा है.

हाइलाइट्स

  • उज्जैन के दिव्य मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर की कथा
  • मार्कंडेश्वर मंदिर में 125 पुजारी कर रहे महामृत्युंजय जाप
  • मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर बना आस्था का केंद्र
उज्जैन. हिंदू धर्म में सावन का महीना सबसे पवित्र महीना माना जाता है. 11 जुलाई से सावन के पवित्र माह की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में श्रद्धालु भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय करते हैं. मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दर्शन करने देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं. यहां कण-कण में भगवान शिव का वास है. श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर एक ऐसा ही चमत्कारी और दिव्य शिव मंदिर है, जो उज्जैन में विष्णु सागर में स्थित है. यहां वैसे तो रोजाना कई भक्त आते हैं, लेकिन सावन मास में भक्तों का यहां सैलाब उमड़ता है. आइए जानते हैं मंदिर के पुजारी दीप मेहता से मंदिर का इतिहास

मार्कंडेश्वर महादेव 84 महादेव मंदिरों में शामिल है. यहां पर पूजा अर्चना का विशेष फल मिलता है. मंदिर के पूजारि दीप के मुताबिक पदम पुराण में उल्लेख मिलता है कि ऋषि मार्कंडेय के परिजनों को पहले इस बात का पता चल गया था कि वे अल्पायु में अपनी देह त्याग देंगे. ऋषि मार्कंडेय शुरू से ही भगवान शिव के भक्त थे. उन्होंने भगवान शिव की भक्ति में अपना पूरा जीवन निकाल दिया.

आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों की लगती है भीड़
जब अल्पायु में उन्हें यमराज लेने के लिए आए तो उन्होंने अपने दोनों हाथों से भगवान शिव की प्रतिमा को जकड़ लिया. इसके बाद यमराज उन्हें नहीं ले जा पाए. भगवान शिव ने प्रकट होकर मार्कंडेय को दीर्घायु का आशीर्वाद दिया. जिसके बाद माता पार्वती ने उन्हें अपना पुत्र तक मान लिया. इसी के चलते ऋषि मार्कंडेय को भगवान शिव की ओर से यह भी आशीर्वाद मिला कि कलयुग में जो उनके दर्शन कर पूजा-अर्चना करेगा, उसे दीर्घायु का आशीर्वाद मिलेगा. इसी के चलते महादेव मंदिर में जन्मदिन के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं. इसके अतिरिक्त वैवाहिक वर्षगांठ पर भी यहां आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों की भीड़ लगती है.

सावन मे 125 पुजारी कर रहे विशेष मन्त्र का जाप 
मंदिर के पुजारी नें बताया ऐसे तो रोजाना यहा महामृत्युंजय मन्त्र का पाठ होता है. लेकिन सावन मास से 125 पंडे-पुजारी रोजाना सवा लाख मंत्रो का जाप कर रहे है. मंदिर मे रोजाना कई भक्त पूजन व अनुष्ठान भी करा रहे है. यह महादेव के पूजा-पाठ व दर्शन मात्र से दीर्घायु का मिलता है.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें

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उज्जैन का वो शिव मंदिर जहां यमराज भी गए हार, दर्शन मात्र से बढ़ती है उम्र



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