एसटीआर में मछली पकड़ रहे थे, 3 गिरफ्तार: सोनभद्रा नदी के किनारे एक पर बाघ ने किया हमला, वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत केस दर्ज – narmadapuram (hoshangabad) News

एसटीआर में मछली पकड़ रहे थे, 3 गिरफ्तार:  सोनभद्रा नदी के किनारे एक पर बाघ ने किया हमला, वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत केस दर्ज – narmadapuram (hoshangabad) News


कोर क्षेत्र में मछली का शिकार करने अवैध तरह से प्रवेश करने वाले युवक।

मढ़ई के कोर क्षेत्र में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) के भीतर अवैध रूप से प्रवेश कर मछली शिकार करने वाले तीन युवकों पर केस दर्ज किया गया है। इनमें से दो को एसटीआर स्टाफ ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीसरा युवक बाघ के हमले में घायल है और भोपाल में इलाज

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तीनों युवक हरिओम बारस्कर, रंजीत और राजेंद्र गज्जाम नाव से देनवा नदी के बैकवॉटर को पार कर कोर क्षेत्र में घुसे थे। वे रात के अंधेरे में सोनभद्र नदी के किनारे मछली का शिकार कर रहे थे, जहां बाघ ने राजेंद्र पर हमला कर दिया। पहले युवकों ने दावा किया कि वे बैकवॉटर में मछली पकड़ रहे थे, लेकिन पूछताछ में सच्चाई सामने आ गई।

घटनास्थल से मिला शिकार का सामान एसडीओ अंकित जामोद और रेंजर राहुल उपाध्याय ने हरिओम और रंजीत को घटनास्थल ले जाकर जांच की। वहां मछली पकड़ने का बड़ा जाल और लकड़ी के डंडे बरामद हुए। पूछताछ में युवकों ने सोनभद्र नदी में मछली पकड़ने की बात स्वीकार की।

बाघ के हमले में घायल राजेंद्र गज्जाम का भोपाल में उपचार जारी है।

वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत केस दर्ज एसटीआर डिप्टी डायरेक्टर ऋषभा नेताम ने बताया कि तीनों युवक बिना अनुमति कोर क्षेत्र में घुसे और मछली शिकार किया। 1 जुलाई से 30 सितंबर तक इस क्षेत्र में पर्यटकों का प्रवेश भी प्रतिबंधित है। इनके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 2, 9, 27, 51 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

राजेंद्र की गर्दन और छाती पर बाघ के पंजे-दांत के निशान घायल राजेंद्र गज्जाम की गर्दन और छाती पर बाघ के दांत और पंजे के गहरे निशान हैं। एक पैर में भी चोट है। उसका इलाज भोपाल में जारी है। दोनों गिरफ्तार आरोपी, हरिओम और रंजीत को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया।

घायल राजेंद्र गज्जाम।

घायल राजेंद्र गज्जाम।

गांव के तीनों युवक मछली पकड़ने का करते हैं काम हरिओम, रंजीत और राजेंद्र तीनों टेकापार गांव के रहने वाले हैं और मछली पकड़ने का काम करते हैं। सोमवार रात को भी वे शिकार के लिए नदी में गए थे, जहां बाघ ने राजेंद्र पर हमला किया। हरिओम और रंजीत ने लाठियों से बचाव कर किसी तरह उसे बचाया। युवकों के मुताबिक, “बाघ करीब 7 घंटे तक पास बैठा रहा। सुबह जैसे ही वह जंगल में गया, हम राजेंद्र को लेकर गांव लौटे।”



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