एक लाश मिलने की आई सूचना
सरकारी वकील वंदना परते ने बताया, वन रक्षक राधेश्याम जाटव ने 14 नवंबर 2021 को पुलिस को सूचना दी थी कि नाले में एक महिला का शव पड़ा है. मामले की गहन जांच शुरू हुई. कुछ दिन बाद 19 नवंबर 2021 को अतुल मारन नामक व्यक्ति ने रातीबड़ पुलिस थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई.
अतुल ने पुलिस से कहा, उनकी किरायेदार सविता की छोटी बहन से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की थी. क्योंकि, सविता का पति अपनी पत्नी से बात करना चाहता था. लेकिन, फोन पर सविता के घरवालों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. कॉल भी काट दी गई. सविता के पति को किसी अनहोनी की शंका हो रही है.
सविता का ही था शव
अतुल मारन के मुताबिक, सविता का पति पहले से ही चिंतित था, क्योंकि सविता के पिता कमल सिंह और भाई राजकुमार उसे अपने साथ ले गए थे. जब पुलिस ने जांच के दौरान नाले में मिले शव की पहचान कराई, तो अतुल और उसकी मां ने पुष्टि की कि वह शव सविता का ही था.
पुलिस ने सविता के पिता कमल सिंह और भाई राजकुमार को गिरफ्तार कर लिया. कड़ाई से पूछताछ में दोनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. उन्होंने बताया कि वे सविता से बेहद नाराज थे, क्योंकि उसने दूसरी जाति के युवक से विवाह किया था. इस विवाह को वे परिवार की ‘इज्जत’ के खिलाफ मानते थे.
ऐसे उतरा मौत के घाट
आगे बताया, सविता के बेटे की बीमारी से मौत हो गई थी और बेटे का अंतिम संस्कार करने के बहाने वे सविता को अपने साथ ले गए. इसी दौरान उन्होंने उसकी हत्या कर दी और शव को नाले में फेंक दिया, ताकि मामला छिपा रहे.
आज भी ऑनर किलिंग… शर्मनाक
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पल्लवी द्विवेदी ने घटना की परिस्थितियों और आरोपियों के इकबाल-ए-जुर्म को देखते हुए दोनों को दोषी करार दिया. अदालत ने कहा, समाज में आज भी जाति के नाम पर हो रही हत्याएं शर्मनाक हैं और कानून ऐसी क्रूर मानसिकता को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा. आख़िरकार, अदालत ने पिता कमल सिंह और बेटे राजकुमार को सविता की हत्या के अपराध में उम्रकैद की सजा सुनाई.