गुरुग्राम की टेनिस प्लेयर राधिका की फाइल फोटो।
हरियाणा के गुरुग्राम में टेनिस प्लेयर राधिका यादव की हत्या में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और पुलिस की जांच में नया खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक आरोपी पिता दीपक यादव किसी भी सूरत में राधिका को जिंदा नहीं छोड़ना चाहता था।
.
यही वजह है कि 3 गोलियों के बाद भी राधिका की मौत नहीं हुई तो चौथी गोली उसने सीधे दिल पर चलाई। अगर आरोपी पिता 3 गोलियों के बाद भी रुक जाता तो राधिका यादव की जान बच सकती थी। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों के इस दावे को गन शॉट एक्सपर्ट डॉक्टर ने भी सही ठहराया है।
राधिका यादव की 10 जुलाई को गुरुग्राम के वजीराबाद में पिता ने ही गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। आरोपी ने 5 गोलियां चलाई थीं, जिनमें से 4 टेनिस प्लेयर को लगी थी।
जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और अब वह जेल में है। पिता का कहना था कि लोग उसे ताने मारते थे कि वह बेटी की कमाई पर पल रहा है। उसने बेटी को टेनिस एकेडमी बंद करने को कहा था लेकिन वह नहीं मानी।
बेटी के कत्ल के बाद आरोपी पिता को पकड़कर ले जाती पुलिस।
जानिए.. 3 गोलियों के बाद भी कैसे बच जाती राधिका
इस बारे में पोस्टमॉर्टम टीम में शामिल एक डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दीपक ने पीछे से बेटी राधिका पर .32 बोर के रिवॉल्वर से गोलियां चलाईं। पहली और दूसरी गोली उसकी रीढ़ की हड्डी से जाकर लगीं। हालांकि उनसे राधिका के शरीर को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा। इसके बाद पिता ने तीसरी गोली चलाई, जो की कंधे के नीचे राधिका की आंत पर जाकर लगी।
पुलिस पूछताछ में सामने आए तथ्यों के मुताबिक इस दौरान राधिका खड़ी रही और उसने हाथ उठाकर पिता के रिवॉल्वर को दूसरी तरफ करने की कोशिश की। अगर पिता यहीं रुक जाता और फायरिंग नहीं करता तो तीनों गोलियां लगने के बावजूद राधिका को वक्त पर इलाज देकर बचाया जा सकता है। यह बात शायद पिता भी जान गया था, लेकिन उसने चौथी गोली राधिका के दिल को टारगेट करके चलाई। जिससे उसका दिल छलनी हो गया और फिर अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई।

गनशॉट मामलों के एक्सपर्ट व लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉक्टर मनीष शर्मा ने कहा कि दिल को लगी गोली से बचने के आसार बहुत कम होते हैं।
डॉक्टर के इस दावे पर गन शॉट एक्सपर्ट ने क्या कहा…
गनशॉट यानी गोली लगने से घायल ढाई हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज करने वाले बहादुरगढ़ के ब्रह्मशक्ति सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर के डायरेक्टर डॉ. मनीष शर्मा ने इस बारे में कहा कि गोली लगने के बाद बुलेट एंट्री और एग्जिट के जख्म की अलग-अलग विशेषताएं होती हैं, जो फोरेंसिक विशेषज्ञों को गोली की दिशा और नेचर का निर्धारण करने में मदद कर सकती हैं।
राधिका के मामले की बात करें तो रीढ़ की हड्डी और आंत के क्षतिग्रस्त होने पर अक्सर मरीज की जान बच जाती है। यह डिपेंड करता है कि बुलेट ने संवेदनशील अंगों को कितना डैमेज किया है। लेकिन, दिल में गोली लगने के बाद बचने के चांस नहीं के बराबर होते हैं।
ऐसे में राधिका मर्डर केस में पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों की थ्योरी सही लगती है। रीढ़ की हड्डी के पास गोली निकालना पॉसिबल न हो, तब भी मरीज अंदर बुलेट के साथ जिंदगी जी सकता है। इसी तरह आंत की सर्जरी समय पर हो जाए तो जान बच सकती है, लेकिन दिल को बुलेट से ज्यादा नुकसान होता है और ब्लीडिंग रोकना बहुत जोखिम भरा होता है। दिल पर गोली लग जाए तो बचने के चांसेज बहुत कम होते हैं।

किसी समारोह में अपनी चचेरी बहन अनमोल यादव के साथ राधिका यादव (लाल कपड़ों में)। – फाइल फोटो
हत्या को लेकर पुलिस जांच में ये भी खुलासे हुए…
- पिता शादी कराना चाहते थे, राधिका ने इनकार किया: मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि बेटी राधिका और पिता दीपक के बीच कई दिनों से तनाव चल रहा था। दीपक राधिका की शादी कराना चाहते थे, लेकिन राधिका इसके लिए तैयार नहीं थीं। हत्या से तीन दिन पहले दोनों के बीच तीखी बहस हुई थी, जिसमें राधिका ने कहा था कि मैं न जहर खाऊंगी, न फांसी पर लटकूंगी, मैं जिंदगी जिऊंगी।
- मना करने के बाद जा रही एकेडमी: इस बहस के बाद पिता दीपक बहुत नाराज हो गया। उसने गुस्से में राधिका को कह दिया था कि आज से घर से बाहर निकलने की जरूरत नहीं है। इसके बावजूद राधिका टेनिस कोचिंग देने घर से बाहर जाती थी। दीपक को यह बात चुभ रही थी कि राधिका उनकी बात नहीं मान रही और टेनिस की कोचिंग दे रही है।
- हत्या वाली जगह से मां का कमरा 10 कदम दूरी पर: जिस दिन राधिका की हत्या हुई, मां भी घर में थी। हालांकि मां मंजू यादव का कहना था कि वह बीमार थी और दूसरे कमरे में थी। पुलिस की जांच में पता चला कि वह कमरा महज 10 कदम की दूरी पर था। जब इस बारे में पुलिस ने मंजू से पूछा कि 4 गोलियां चलीं और उसे एक की भी आवाज कैसे नहीं सुनाई दी तो उसने कहा कि उस वक्त कूकर की सीटी बज रही थी, इस वजह से उसे गोलियों की आवाज का पता नहीं चला। जब वह बाहर आई तो राधिका लहूलुहान पड़ी थी। हालांकि उन्होंने लिखित में पुलिस को बयान नहीं दिए।

राधिका यादव की टेनिस खेलते हुए फाइल फोटो।
चाचा ने कराई थी FIR, फिर चुप्पी साधी राधिका की हत्या की FIR चाचा कुलदीप यादव ने कराई थी। उन्होंने पुलिस को बताया था कि गोलियों की आवाज सुनकर वह बेटे पीयूष के साथ ग्राउंड फ्लोर से ऊपर के कमरे में पहुंचे। वहां राधिका खून से लथपथ पड़ी थीं। उन्होंने राधिका को तुरंत सेक्टर 56 के अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद पुलिस ने दीपक को घटनास्थल से गिरफ्तार कर लिया था। घर से ही हत्या में इस्तेमाल रिवॉल्वर बरामद की थी।

इस फोटो में राधिका (बाएं) अपनी क्लोज फ्रेंड हिमांशिका सिंह राजपूत के साथ नजर आ रही हैं।
पुलिस मां को क्लीन चिट दे चुकी, पिता जेल में हत्या के दिन यानी 10 जुलाई को ही आरोपी पिता दीपक को गिरफ्तार करने के बाद 11 जुलाई को पुलिस ने उसका एक दिन का रिमांड लिया। 12 जुलाई को दोबारा कोर्ट में पेश कर उसे जेल भेज दिया गया। इस मामले में पुलिस ने यह कहते हुए मां मंजू को क्लीन चिट दे दी थी कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।

बेस्ट फ्रेंड ने पाबंदियों का आरोप लगाया था राधिका मर्डर के बाद उसकी दोस्त हिमांशिका सिंह राजपूत ने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि राधिका घर में सख्त पाबंदियों का सामना कर रही थीं। उन्होंने कहा कि दीपक ने हत्या की योजना तीन दिन पहले बनाई थी और सामाजिक दबाव ने उन्हें यह कदम उठाने के लिए उकसाया। राधिका ने इसके लिए 2 वीडियो जारी किए थे। हालांकि उसने पुलिस को शिकायत देने या मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया।

*********************** टेनिस प्लेयर मर्डर से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…
वह रील, जिसके बाद टेनिस प्लेयर की हत्या हुई:राधिका ने इसे इंस्टाग्राम पर शेयर किया, पिता से परिचितों ने जताया एतराज

हरियाणा के गुरुग्राम में जिस रील के बाद पिता ने जूनियर इंटरनेशनल टेनिस प्लेयर बेटी राधिका यादव की हत्या कर दी, वह सामने आ गई है। रील राधिका ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की थी (पूरी खबर पढ़ें)
राधिका मर्डर केस, एक्सपर्ट्स ने जांच पर सवाल उठाए:बोले- पुलिस आरोपी के बयान में ही उलझी, कोर्ट में मुकर गया तो क्या करेंगे

हरियाणा में गुरुग्राम के हाई प्रोफाइल टेनिस प्लेयर राधिका यादव मर्डर केस में आरोपी पिता के स्टेटमेंट पर टिकी पुलिस की थ्योरी पर सवाल खड़े हाे रहे हैं। क्रिमिनल लॉयर, रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों और कानून के जानकारों का मानना है कि पुलिस को बाकी एंगल पर भी काम करना चाहिए (पूरी खबर पढ़ें)