टीम इंडिया का AK-47…कपिल देव-योगराज सिंह के क्लब में अंशुल कंबोज की स्पेशल एंट्री, हरियाणा के लाल ने किया कमाल

टीम इंडिया का AK-47…कपिल देव-योगराज सिंह के क्लब में अंशुल कंबोज की स्पेशल एंट्री, हरियाणा के लाल ने किया कमाल


Anshul Kamboj Team India: इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में भारतीय क्रिकेट टीम ने तीन बड़े बदलाव किए. पांच मैचों की सीरीज के चौथे मुकाबले के पहले दिन टॉस के समय पर कप्तान शुभमन गिल ने बताया कि अंशुल कंबोज ने डेब्यू किया है. ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर और बल्लेबाज साई सुदर्शन की वापसी हुई है. चोटिल नीतीश कुमार रेड्डी और आकाश दीप इस मैच में नहीं खेल रहे हैं. इस दौरे पर 6 पारियों में एक भी अर्धशतक नहीं लगाने वाले करुण नायर को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

क्यों कहा जाता है AK-47?

अंशुल कंबोज को चोटिल आकाश दीप की जगह उतारा गया है. उन्हें डोमेस्टिक क्रिकेट और आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करने का फायदा मिला. अंशुल को 47 नंबर की जर्सी मिली है. इस कारण उन्हें AK-47 भी कहा जाता है. आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेलते समय भी भी उनकी जर्सी पर 47 नंबर और नाम के स्थान पर AK लिखा हुआ था.

स्पेशल क्लब में अंशुल कंबोज की एंट्री

अंशुल ने टेस्ट डेब्यू करते ही एक खास उपलब्धि हासिल कर ली. वह भारत के लिए टेस्ट मैच खेलने वाले हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन के चौथे तेज गेंदबाज हैं. उनसे पहले महान कप्तान कपिल देव, चेतन शर्मा और योगराज सिंह टीम इंडिया के लिए खेल चुके हैं.

महारिकॉर्डधारी कपिल देव

कपिल देव ने 1978 में पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद में डेब्यू किया. 131 टेस्ट मैचों में 434 विकेट लिए. भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज हैं. कपिल देव ने बल्ले से भी कमाल किया है. 5248 रन बनाए. इस दौरान 8 शतक और 27 अर्धशतक लगाए.

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एक ही मैच खेल पाए योगराज सिंह 

योगराज सिंह ने 1981 में करियर का पहला और आखिरी टेस्ट मैच खेला. वेलिंग्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ डेब्यू किया था. बल्लेबाजी में 10 रन बनाए और गेंदबाजी में एक विकेट लिया. हरियाणा के बाद पंजाब के लिए भी खेलें.

23 मैच खेल पाए चेतन शर्मा

चेतन शर्मा ने 1984 में पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर में टेस्ट डेब्यू किया. 23 मैचों में 61 विकेट लिए और बल्ले से 396 रन बनाए. डोमेस्टिक क्रिकेट में हरियाणा और बंगाल के लिए खेले.1989 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किंग्स्टन में आखिरी टेस्ट मैच खेला.

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FAQ:

1. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत कब हुई?
उत्तर-
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत 2019 में हुई. इसका एक चक्र दो सालों का होता है. पहला चक्र 2019 से 2023 तक का था.

2. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में अब तक कौन-कौन सी टीम चैंपियन बनी?
उत्तर- 
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में अब तक न्यूजीलैंड (2021), ऑस्ट्रेलिया (2023) और साउथ अफ्रीका (2025) की टीमें विजेता बनी हैं.

3. भारत कब-कब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचा?
उत्तर- 
भारतीय टीम तीन वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के चक्र में दो बार फाइनल में पहुंची. उसे 2021 में न्यूजीलैंड और 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में हार का सामना करना पड़ा.



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