बुरहानपुर में स्कूली बच्चों ने रैली निकाली। इस दौरान उन्होंने ‘दारू बेचना बंद करो’ के नारे लगाए। जिले में पुलिस और वन विभाग मिलकर ‘नशे से दूरी है जरूरी’ अभियान को गांवों तक पहुंचा रहे हैं। इधर नेपानगर में 800 लोगों ने हस्ताक्षर कर नशे से दूर रहने अभि
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बुधवार को वन ग्राम मांडवा में एक खास रैली निकाली गई, जिसमें स्कूली बच्चों से लेकर आदिवासी ग्रामीणों तक ने हिस्सा लिया। रैली के दौरान बच्चे ‘दारू बेचना बंद करो’ जैसे नारे लगाते दिखे।
आदिवासी क्षेत्र में इस तरह की रैली पहली बार इतने बड़े स्तर पर हुई। गांव की गलियों से निकली रैली ने पूरे मांडवा को नशामुक्ति का संदेश दिया। आयोजन में मांडवा हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं ने मानव श्रृंखला बनाकर समाज को जागरूक किया।
बीट गार्ड बोले– मांडवा को नशामुक्त बनाना है बीट गार्ड कमलेश रघुवंशी ने कहा कि हमारा लक्ष्य मांडवा को पूरी तरह नशामुक्त बनाना है। आदिवासी समाज को जागरूक करना जरूरी है, क्योंकि ये क्षेत्र अवैध शराब बिक्री के मामलों में अकसर चर्चा में रहता है।
इस मौके पर वन विभाग के भूषण सूर्यवंशी, लोकेंद्र भावेल, अंतिम पाठक, स्कूल प्राचार्य अशोक धोते, शिक्षिका वंदना पाटिल, ग्राम पटेल दिलदार सुमारिया समेत कई ग्रामीण मौजूद रहे।
पुलिस ने चलाया हस्ताक्षर अभियान, 800 लोगों ने किया संकल्प इधर, नेपानगर और नावरा क्षेत्र के गांवों में पुलिस विभाग की ओर से नशामुक्ति को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। नेपानगर थाना प्रभारी ज्ञानू जायसवाल ने बताया कि अब तक करीब 800 लोगों ने हस्ताक्षर कर यह संकल्प लिया है कि वे शराब और अन्य नशे से दूर रहेंगे।
15 से 30 जुलाई तक चलेगा ‘नशे से दूरी है जरूरी’ अभियान पुलिस विभाग द्वारा जिलेभर में 15 से 30 जुलाई तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान स्कूलों, गांवों, चौपालों और हाट-बाजारों में नशामुक्ति के संदेश दिए जा रहे हैं।