मंडला जिले के कान्हा टाइगर रिजर्व की बंजर नदी में मिले बाघ के शव पर छत्तीसगढ़ के खाद और बीज की बोरियां बंधी मिलीं। साथ ही शव पर करंट जैसे निशान भी मिले। इस घटना के बाद पार्क प्रबंधन ने सूक्ष्मता से जांच शुरू कर दी है।
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कान्हा टाइगर रिजर्व की डिप्टी डायरेक्टर (बफर) अमिता केबी ने बताया कि बाघ का शव करीब तीन दिन पुराना है। इसे बंजर व जमुनिया नदी के संगम के पास पाया गया। ये दोनों नदियां छत्तीसगढ़ से बहकर आती हैं। इस कारण शव के वहां से बहकर आने की संभावना है।
शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है। रिपोर्ट आने पर स्थिति स्पष्ट होगी। अमिता के अनुसार, टाइगर सेल के माध्यम से बाघ की पहचान कराई गई, जिसमें पुष्टि हुई कि यह बाघ कान्हा टाइगर रिजर्व का नहीं है। मध्य प्रदेश के अन्य बाघों के डेटाबेस से भी इसका मिलान नहीं हुआ। इससे लग रहा है कि बाघ छत्तीसगढ़ या किसी अन्य वन क्षेत्र से बहकर आया हो सकता है।
घटना की शुरुआत सोमवार को तब हुई, जब मुक्की जोन में बंजर नदी में एक बाघ के बहते हुए वीडियो सामने आया। इसके बाद पार्क प्रबंधन अलर्ट हो गया और रेस्क्यू टीम ने नदी किनारे तलाश शुरू की। मंडला से एसडीईआरएफ की टीम भी खोजबीन में जुट गई। मंगलवार सुबह मंडला-बालाघाट जिले की सीमा के नजदीक मुक्की के कुम्हादेई क्षेत्र में बंजर नदी के एक टापू पर बाघ का शव मिला।
इस तरह बंधे थे बाघ के पैर।

नदी में मिला था बहता हुआ शव।