बुरहानपुर की 500 साल पुरानी परंपरा, साले के बेटे के जन्म पर जीजा बांटते हैं चीनी, बैंड-बाजे के साथ निभाई जाती परंपरा

बुरहानपुर की 500 साल पुरानी परंपरा, साले के बेटे के जन्म पर जीजा बांटते हैं चीनी, बैंड-बाजे के साथ निभाई जाती परंपरा


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Ajab-Gajab: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में स्थित गुर्जर साली समाज की 500 साल पुरानी परंपरा है, जिसमें ससुराल में साले के बेटे के जन्म पर दामाद बैंड-बाजे के साथ समाज के हर घर में 200 ग्राम शक्कर बांटते हैं.

हाइलाइट्स

  • दामाद बैंड-बाजे के साथ शक्कर बांटते
  • पूरे समाज को देते हैं भोजन का न्योता
  • दामाद बनते हैं मिठास का कारण
बुरहानपुर. मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है कि यहां पर सभी समुदाय और धर्म के लोग निवास करते हैं. सभी धर्म के लोगों की अपनी अपनी कुछ परंपरा है, जिसका आज भी निर्वहन होता है. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में श्री गुर्जर साली सकल पंच समाज भी निवास करता है. समाज की करीब 500 साल पुरानी एक ऐसी परंपरा है कि जब भी ससुराल में साले के यहां पर बेटे का जन्म होता है,तो दामाद लोग बैंड बाजा लेकर शक्कर बांटने के लिए निकलते हैं. पूरे समाज के लोगों के यहां पर एक-एक कटोरी शक्कर दे कर उन्हें भोजन का निमंत्रण दिया जाता है. समाज के अध्यक्ष राजू जरीवाला ने जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रथा करीब 500 साल पुरानी बताई जाती है. हमारी कई पीढ़ियों से चली आ रही है इसको खुशी के रूप में मनाया जाता है. जब भी ससुराल में साले के यहां पर बेटा जन्म लेता है तो कुटुंब के दामाद अपने स्वयं की राशि एकत्रित कर कर शक्कर के बोरे खरीद कर लाते हैं और वह समाज के सभी घरों में बांटते हैं और समाज के लोगों को भोजन का निमंत्रण देते हैं, जिसके बाद ससुराल पक्ष द्वारा सामूहिक समाज का भोजन करवाया जाता है. बेटा होने की खुशी में यह आयोजन होता है.

समाज अध्यक्ष ने दी जानकारी 
लोकल 18 की टीम ने जब श्री सकल पंच गुर्जर साली समाज के अध्यक्ष राजू जरीवाला से बात की तो उन्होंने बताया कि यह हमारे समाज की करीब 500 साल पुरानी परंपरा है. जब भी ससुराल में साले के यहां पर पहले पुत्र की प्राप्ति होती है तो दामाद लोग शक्कर पुरी समाज में घर-घर देते हैं और खुशियां मनाते हैं. उसके बाद ससुराल पक्ष द्वारा समाज का सामूहिक भोज किया जाता है. यह उत्सव मनाने का एक अनोखा रिवाज है.

200 ग्राम शक्कर का एक घर पर किया जाता है वितरण  
जब दामाद बोरो में शक्कर लेकर घरों घर जाते हैं तो प्रत्येक घर में करीब 200 ग्राम शक्कर दी जाती है और बैंड बाजे के साथ यह शक्कर देने के लिए निकलते हैं. यह नजारा देखकर हर कोई उनको देखता रह जाता है और जिस घर में यह शक्कर दी जाती है वह लोग इस शक्कर से चाय बना कर पीते हैं, जिससे उनका मुंह में मीठा हो जाता है.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें

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