MP की अश्विनी चौहान ने राइफल शूटिंग में मारी बाज़ी, नेशनल गोल्ड जीतकर काटा गदर, अब ओलंपिक की चाह

MP की अश्विनी चौहान ने राइफल शूटिंग में मारी बाज़ी, नेशनल गोल्ड जीतकर काटा गदर, अब ओलंपिक की चाह


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खंडवा के छोटे गांव बरखेड़ी की 14 वर्षीय अश्विनी दशरथ सिंह चौहान ने राष्ट्रीय राइफल शूटिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर जिले का नाम गर्व से रोशन किया है. कराटे से शुरूआत करने वाली अश्विनी ने विक्ट्री शूटिंग …और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • मध्यप्रदेश की बेटी ने ओलंपिक का सपना संजोया
  • गोल्ड मेडल जीतकर बनाया नाम रोशन
  • कराटे से शुरूआत करने वाली अश्विनी
खंडवा. मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के छोटे से गांव बरखेड़ी से निकलकर एक 14 साल की बिटिया ने ऐसा कमाल कर दिखाया है, जिस पर न सिर्फ उसके माता-पिता को बल्कि पूरे जिले को गर्व है. अश्विनी दशरथ सिंह चौहान नाम की इस बेटी ने राष्ट्रीय स्तर की राइफल शूटिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है.अश्विनी वर्तमान में केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 8वीं की छात्रा है और वह विक्ट्री शूटिंग क्लब की नियमित खिलाड़ी है. उनकी मां रानू चौहान बताती हैं कि बेटी ने महज 9 साल की उम्र में खेलों की दुनिया में कदम रखा था. शुरुआत कराटे से हुई. कराटे में भी अश्विनी ने गजब का प्रदर्शन किया. वह नेपाल के काठमांडू में आयोजित अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं.

लेकिन मां को बेटी में एक अलग संभावना दिखी. उन्हें लगा कि शूटिंग में अश्विनी का भविष्य और उज्ज्वल हो सकता है. तभी उन्होंने उसे विक्ट्री शूटिंग क्लब में कोच काशिफ सर के पास भेजा. शुरुआत में वह सिर्फ फिजिकल फिटनेस के लिए जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे शूटिंग में उसकी दिलचस्पी बढ़ती गई. कड़ी मेहनत और अनुशासन का असर ये रहा कि कुछ ही महीनों में अश्विनी ने अपने हुनर से सबको चौंका दिया. अश्विनी सुबह 5 बजे उठकर स्टेडियम जाती है, जहां वह फिजिकल ट्रेनिंग लेती है और फिर दिन के बाकी समय में शूटिंग प्रैक्टिस. उन्होंने 10 साल की उम्र में राइफल शूटिंग शुरू की और महज 3 साल के भीतर राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतकर यह साबित कर दिया कि लगन, मेहनत और सही मार्गदर्शन से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है.

हाल ही में पंजाब के पखवाड़ा में आयोजित राष्ट्रीय राइफल शूटिंग प्रतियोगिता में अश्विनी ने पिस्टल श्रेणी में गोल्ड मेडल अपने नाम किया. मध्यप्रदेश से अश्विनी और ग्वालियर की एक और खिलाड़ी ने यह उपलब्धि हासिल की.
जब अश्विनी से पूछा गया कि उनका सपना क्या है, तो उन्होंने आत्मविश्वास के साथ कहा, “मेरा सपना है कि मैं भारत के लिए ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतूं और देश का नाम रोशन करूं.” उनके इस सपने को साकार करने के लिए उनके माता-पिता, कोच और स्कूल सभी उनका पूरा सहयोग कर रहे हैं. उनकी मां रानू कहती हैं, “मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी खेल के क्षेत्र में आगे बढ़े. हम गरीब जरूर हैं, लेकिन बेटी के सपनों को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगे. उसकी मेहनत देखकर लगता है कि वह एक दिन जरूर ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड लाएगी.”

अश्विनी के कोच काशिफ सर भी उनकी तारीफ करते नहीं थकते. वह कहते हैं, “अश्विनी में एकाग्रता, संतुलन और धैर्य जैसे गुण शुरू से ही हैं, जो एक बेहतरीन शूटर में होने चाहिए. वह हर दिन कड़ी मेहनत करती है और कभी भी अभ्यास से पीछे नहीं हटती.” अश्विनी की यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि प्रतिभा किसी बड़े शहर या संसाधनों की मोहताज नहीं होती. एक छोटे से गांव की यह बेटी आज लाखों बच्चियों के लिए प्रेरणा बन चुकी है. अब अश्विनी की नजरें आगामी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं पर हैं. वह लगातार प्रैक्टिस कर रही हैं और खुद को ओलंपिक के लिए तैयार कर रही हैं.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें

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