MP में रामायण पढ़ेंगे पुलिस के नए जवान? ADG को देना पड़ा श्रीराम का उदाहरण

MP में रामायण पढ़ेंगे पुलिस के नए जवान? ADG को देना पड़ा श्रीराम का उदाहरण


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Bhopal News: उनके पास बहुत सारे PTS चेंज करने के प्रार्थना पत्र आ रहे हैं, तो फिर जब वह PTS एसपी को संबोधित कर रहे थे, तो उन्होंने रामचरितमानस का उदाहरण दिया, उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम उदाहरण दिया क…और पढ़ें

एडीजी (ट्रेनिंग) राजाबाबू सिंह ने नए भर्ती आरक्षकों को भगवान राम का उदाहरण दिया.
भोपाल. मध्य प्रदेश पुलिस में 4000 नए कांस्टेबलों की भर्ती हुई है, जिनकी राज्य के 8 पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (PTS) में ट्रेनिंग शुरू हुई है. इनमें से करीब 10 फीसदी आरक्षकों ने 9 महीने की ट्रेनिंग के लिए अलग-अलग कारण देकर अपने गृह नगर के नजदीक PTS में प्रशिक्षण लेने की अर्जी लगाई है. इसी वजह से एमपी पुलिस के ट्रेनिंग विभाग के मुखिया ने उन्हें समझाते हुए भगवान राम की मिसाल दी कि श्रीराम एक आदेश पर 14 साल के वनवास पर चले गए थे और उन्होंने वनवास में सीखा, मानव जाति का उद्धार किया और अगले 30 साल के लिए मध्य प्रदेश पुलिस की बुनियाद बनने वाले आरक्षक 9 महीने की ट्रेनिंग भी अपने घर के पास करना चाहते हैं.

न्यूज 18 के साथ बातचीत में एमपी पुलिस के एडीजी (ट्रेनिंग) राजाबाबू सिंह ने कहा कि 1 जुलाई 2024 से नए क्रिमिनल लॉ लागू हो गए हैं और इसमें टेक्नोलॉजी काफी बड़ा एलीमेंट है. जो कांस्टेबल का बेसिक कोर्स कार्यक्रम है, अभी हाल में हमने संशोधन किया है और बहुत सारे नवाचार किए हैं ताकि हर एक पुलिस कांस्टेबल ट्रेनिंग पूरी करके ई-कॉप बनकर बाहर निकले. उनके पास बहुत सारे पीटीएस चेंज करने के एप्लीकेशन आ रहे हैं, तो फिर जब वह एसपी पीटीएस को संबोधित कर रहे थे, तो उन्होंने उदाहरण दिया रामचरितमानस का, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का कि वह एक आदेश पर 14 साल वनवास पर रहे थे.

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इतनी होम सिकनेस है, तो कैसे करेंगे नौकरी?
उन्होंने कहा कि भगवान राम ने वहीं सामरिक योजना बनाई थी. रावण का वध किया था. वनवास के दौरान उनका जटायु के साथ, वानर सेना के साथ और शबरी के प्रति प्रेम दिखा. उन्होंने ट्रेनिंग लेने वाले आरक्षकों से कहा कि अपने ही प्रदेश में आप लोग 9 महीने के लिए एक ट्रेनिंग सेंटर में रहकर ट्रेनिंग नहीं कर पा रहे हैं. अभी से अगर इतनी होम सिकनेस है, तो कल कैसे आप स्टेट लेवल पर नौकरी कर सकेंगे. आपकी पोस्टिंग नक्सल प्रभावित बालाघाट में हो सकती है, आपको मालवा जाना पड़ सकता है, आपको कहीं भी जाना पड़ सकता है, तो आप तो पूरे कमिटमेंट के साथ ट्रेनिंग पर फोकस करिए. आप सभी गांव और सब-अर्बन बैकग्राउंड से आए हैं, आपको ई-कॉप बनना है. 9 महीने का वक्त बेशकीमती है. आप ट्रेनिंग पर ध्यान लगाइए, इसलिए उन्होंने भगवान राम का और उनके 14 वर्ष के वनवास का उदाहरण दिया था. यह उन्हें मोटिवेट करने का प्रयास था.

कैदियों को बांटी थी गीता
दरअसल इससे पहले ग्वालियर जोन के एडीजी रहते हुए राजाबाबू सिंह ने गीता ज्ञान मुहिम चलाई थी. इस अभियान में वह स्कूली छात्रों को गीता की शिक्षा देते थे. सिंह ने दशहरे के अवसर पर जेलों में बंद कैदियों को गीता की प्रतियां भी बांटी थीं. उन्होंने कहा कि भगवत गीता अब सारे सिलेबस में आ रही है. यह हमारे सनातन का सबसे अच्छा ग्रंथ है.

बताते चलें कि राजाबाबू सिंह मध्य प्रदेश काडर के 1994 बैच के आईपीएस अफसर हैं. वह कश्मीर में बीएसएफ (BSF) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

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