इंदौर में रजिस्ट्रियों के फर्जीवाड़े में कई कर्मचारी शामिल: रिकॉर्ड रूम स्टाफ की लिप्तता आई सामने; कलेक्टर ने 3 दिन में FIR कराने के दिए आदेश – Indore News

इंदौर में रजिस्ट्रियों के फर्जीवाड़े में कई कर्मचारी शामिल:  रिकॉर्ड रूम स्टाफ की लिप्तता आई सामने; कलेक्टर ने 3 दिन में FIR कराने के दिए आदेश – Indore News



इंदौर के रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा कांड के मामले में गड़बडियों के और भी पुख्ता सूत्र मिले हैं। खास बात यह कि इस घपले में रिकॉर्ड सेक्शन के लोगों की भी लिप्तता सामने आई हैं। इससे जुड़े कई केसों के दस्तावेज भी हाथ लगे हैं। कलेक्टर आशी

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कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि पूर्व में इस मामले में प्रशासन की ओर से पंढरीनाथ थाने पर एफआईआर भी दर्ज कराई जा चुकी है। दरअसल रजिस्ट्रियों की गड़बड़ियों का यह मामला सितम्बर 2024 में सामने आया था। तब प्रशासन द्वारा विभागीय जांच की गई थी। जांच में पता चला था कि एक फर्जी रजिस्ट्री गिरोह सक्रिय है। इसमें कुछ दलाल और भूमाफिया शामिल हैं जो फर्जी रजिस्ट्री बनवा रहे है।

कई अधिकारियों के लिप्त होने की आशंका

कलेक्टर ने बताया कि जांच में नए सूत्र मिले हैं। इसमें पता चला कि रजिस्ट्रियों के लिए जो दस्तावेज कार्यालय में जमा किए जाते हैं उसमें बड़ी गड़बड़ियां की जाती है। इस संबंध में कुछ शिकायतें मिली थी, जांच में वे सही पाई गई। इसमें रिकॉर्ड सेक्शन के लोग लिप्त हैं। शुरुआती दौर में ही करीब 20 बड़ी आवासीय रजिस्ट्रियों में कई गड़बड़ियां मिली हैं। मामले में संबंधितों के खिलाफ नामजद केस दर्ज होने के साथ सख्त विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। इसके साथ ही अन्य रजिस्ट्रियों व दस्तावेजों की छानबीन की जा रही है। इस पूरे मामले में पूर्व में रिकॉर्ड कीपर को सस्पेंड किया गया था। इसमें जिला पंजीयन कार्यालय के अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों के भी लिप्त होने की आशंका है।

ऐसे भी सूत्र मिले हैं कि कुछ लोगों की संपत्तियों और जमीनों की अन्य लोगों द्वारा फर्जी रजिस्ट्रियां करा ली गई हैं। जबकि उन्होंने अपनी संपत्तियों और जमीनों का क्रय-विक्रय किया ही नहीं है। जिन लोगों के नाम पर फर्जी रजिस्ट्रियां तैयार की गई थी वहां कुछ लोग उनकी संपत्तियों पर बलपूर्वक कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे।

3 दिन में एफआईआर के आदेश

सीनियर डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार डॉ. अमरेश नायडू ने बताया कि विभाग में आमजन द्वारा करवाई गई रजिस्ट्रियों को रिकार्ड में सुरक्षित रखा जाता है। इसमें आमजन की पूरी जीवनभर की कमाई लगी होती है। कई महीनों से रिकार्ड के संबंध में गंभीर शिकायतें मिल रही थी। रिकॉर्ड सेक्शन के संबंध में न केवल कतिपय रजिस्ट्रियों में हेर-फेर की शिकायतें लगातार मिल रही थी, बल्कि इस तरह की शिकायतें भी मिल रही थी कि, लेनदेन कर इस तरह की गंभीर अनियमितताएं की जा रही है।

बार-बार गंभीर शिकायतों को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर पंजीयन विभाग के अधिकारियों की एक जांच समिति गठित की गई थी। जांच समिति ने प्राप्त शिकायतों और नकल के आवेदनों के आधार पर ऐसे लगभग 20 दस्तावेज संदिग्ध पाए हैं। इन दस्तावेजों में से कुछ दस्तावेजों के संबंध में पूर्व में भी एफआईआर की जा चुकी है और अन्य दस्तावेज में भी गड़बड़ियां पाई गई। ऐसे दस्तावेज जिनमें पूर्व से कोई एफआईआर दर्ज नहीं है, के संबंध में कलेक्टर कलेक्टर द्वारा थाना पंढरीनाथ को तीन दिनों में एफआईआर कराने के लिए सीनियर डिप्टी रजिस्ट्रार प्रदीप निगम को निर्देशित किया है। जांच समिति की रिपोर्ट भी डिप्टी रजिस्ट्रार निगम को कार्रवाई के लिए सौंप दी गई है। इसमें एक साथ 20 दस्तावेजों के संबंध में एफआईआर कराई जाएगी। इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे होंगे।



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