खरीफ फसल की नहीं कर पाए हैं बोवनी तो नो टेंशन…जानें क्या बोले एक्सपर्ट?

खरीफ फसल की नहीं कर पाए हैं बोवनी तो नो टेंशन…जानें क्या बोले एक्सपर्ट?


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Agriculture News: डॉ कमलेश अहिरवार लोकल 18 को बताते हैं कि अगर किसान भाई तिल की फसल की बोवनी कर रहे हैं, तो वे ढलान वाली जगह या पथरीले खेतों का चयन करें ताकि खेतों में पानी नहीं भरे. काली मिट्टी में पानी भर जात…और पढ़ें

छतरपुर. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में पांच लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर रबी और खरीफ सीजन (Kharif Crops) की फसलों के साथ सब्जी की खेती की जाती है. अभी वर्तमान में तीन लाख से भी ज्यादा हेक्टेयर जमीन पर किसानों ने बुवाई की थी. 66 फीसदी किसान भाइयों ने बुवाई कर दी है. बाकी बचे किसान अभी भी बोवनी के इंतजार में हैं. छतरपुर जिले के कृषि विज्ञान केंद्र नौगांव में पदस्थ वैज्ञानिक डॉक्टर कमलेश अहिरवार ने लोकल 18 के साथ बातचीत में कहा कि इस समय बारिश से खेतों में पानी भरा है. मिट्टी में नमी बहुत ज्यादा है. ऐसे में बुवाई करने से बीज सड़ सकते हैं या अंकुरण कमजोर हो सकता है. किसान भाई तिल, सोयाबीन, मक्का, उड़द और मूंग जैसी खरीफ फसलों की बुवाई तभी करें, जब मिट्टी में संतुलित नमी हो.

वहीं कृषि विज्ञान केंद्र की प्रमुख डॉ वीणा श्रीवास्तव ने लोकल 18 से कहा कि जब मिट्टी हाथ में लेकर मुट्ठी बांधने पर हल्की चिपके लेकिन पानी न टपके, तब नमी बुवाई के लिए सही मानी जाती है. साथ ही खेत में चलने पर अगर पैर का निशान बन रहा है लेकिन मिट्टी जूते में न चिपके, तभी बुवाई करना फायदेमंद होता है.

बारिश का यह दौर खेतों के लिए फायदेमंद लेकिन…
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि किसान अगर इस समय सावधानी बरतें और खेत की स्थिति देखकर ही बुवाई करें, तो अच्छी फसल मिल सकती है. बारिश का यह दौर खेतों के लिए फायदेमंद है लेकिन समझदारी और वैज्ञानिक सलाह के साथ खेती करना ही लाभदायक होता है.

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