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Rewa News: रीवा के चाकघाट में एक महिला ने समय से पहले एक नवजात को जन्म दिया जिसकी शक्ल एलियन जैसी है. डॉक्टरों ने उसे हर्लीक्विन इचथियोसिस नामक दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी से ग्रसित बताया.
हाइलाइट्स
- रीवा में सामने आया चौंकाने वाला मामला
- इचथियोसिस नामक दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी
- बच्चे की शक्ल देख कांप उठे परिजन
रीवा मे प्रसुता ने दिया एलियन जैसी शक्ल वाले बच्चे को जन्म
दरअसल, मंगलवार की रात त्योंथर तहसील क्षेत्र अंतर्गत ढकरा सोंनौरी गांव की निवासी शांति देवी पटेल की बहु प्रियंका पटेल को प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद उसे देर रात चाकघाट स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. बुधवार की सुबह बहु की नॉर्मल डिलेवरी हु. डिलेवरी के बाद मां स्वास्थ्य थी, लेकिन बच्चा आसमान्य था. उसका शरीर क्षत विक्षत है. देखने में वह बिलकुल एक एलियन की तरह है. डॉक्टरों ने नवजात की हालत को गंभीर देखते हुए उसे रीवा गांधी मेमोरियल अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. गांधी मेमोरियल अस्पताल के ICU वार्ड मे भर्ती नवजात का इलाज अब डॉक्टरों की देखरेख मे किया जा रहा है.
त्योंथर निवासी शांति देवी पटेल के मुताबिक बहु प्रियंका पटेल को प्रसव पीड़ा के बाद मंगलवार की रात चाकघाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लेजाकर भर्ती कराया गया था. बुधवार की सुबह 7 बजे नार्मल डिलेवरी हुई, लेकिन बच्चे का शरीर क्षत बिक्षत है. बच्चे की हालत को गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने रीवा रेफर किया है. शांति देवी के मुताबिक अपनी बहु को लेकर शासकीय और प्राइवेट अस्पताल में समय-समय पर लेकर गई और उसकी जांच करवाइ, जिसके बाद डॉक्टरों ने स्वस्थ बच्चा पैदा होने की जानकरी दी थी. दो बार प्राइवेट अस्पताल मे अल्ट्रा साउंड भी कराया गया मंगलवार को भी अल्ट्रा साउंड हुआ जिसमे डॉक्टरों ने दो महीने के बाद बच्चे के स्वास्थ पैदा होने जानकारी दी थी, लेकिन कल समय से पहले ही प्रसव पीड़ा के बाद डिलेवरी हों गई औए बच्चा अस्वस्थ पैदा हुआ.
हर्लीक्विन इचथियोसिस बीमारी से गंभीर हुई बच्चे की स्थिति
वहीं रीवा गांधी मेमोरियल अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई JR1 पीड़ीआर्टिक डिपार्टमेंट के डॉ. नवीन कुमार मिश्रा ने बताया की अनुवानसिक बीमारी से ग्रसित एक नवजात चाकघाट अस्पताल से रेफर किया गया है. अनुवानसिक बीमारी मे दोनों ही परेंट्स कॅरियर होते है, जिसके चलते वो बीमारी गर्भ मे पल रहे बच्चे को हो जाती है. इस गंभीर लाइलाज बीमारी के चलते बच्चे के स्किन फिशर हो जाती है और स्किन फट जाती है. चेहरा पूरा डिफेक्टिव हो जाता है और आंख की पुतलियां बाहर आ जाती है. इस बीमारी मे बचने की संभावना बहुत ही कम होती है. अस्पताल मे भर्ती नवजात की हालत गंभीर बनी हुई है. गर्भ मे ही जीन की करण बच्चे की स्किन मोटी होकर फटने लगती है जिसे हर्लीक्विन इचथियोसिस बीमारी कहते है.
अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि यह बीमारी दुर्लभ है और साल में ऐसे एक या दो मामले ही सामने आते हैं. उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि इस बीमारी का उपचार संभव है और बच्चे का इलाज जारी है. फिलहाल, चिकित्सकों की टीम बच्चे की स्थिति पर लगातार नजर रख रही है.
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें
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