मध्यप्रदेश में बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में एक बार फिर तेज बारिश का दौर शुरू हो गया है। बुधवार को नर्मदापुरम के इटारसी में बाढ़ जैसे हालात रहे। भोपाल, इंदौर समेत 20 से ज्यादा जिलों में बारिश का दौर रहा। आज जबलपुर समेत 20 ज
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मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को विदिशा, सीहोर, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, छतरपुर, दमोह, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, पन्ना, कटनी, जबलपुर, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर और उमरिया में भारी बारिश का दौर बना रहेगा। अगले 24 घंटे में इन जिलों में साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है।
मानसून ट्रफ-साइक्लोनिक सकुर्लेशन की एक्टिविटी सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, प्रदेश में अभी मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम एक्टिव है। इस वजह से तेज बारिश का दौर शुरू हुआ है। अगले चार दिन तक कहीं अति भारी तो कहीं भारी बारिश हो सकती है।
नर्मदापुरम के इटारसी में पानी भरा इससे पहले बुधवार को कई जिलों में बारिश का दौर चला। उज्जैन में तेज बारिश हुई। नर्मदापुरम के इटारसी में बाजार और सरकारी रेस्ट हाउस में पानी भर गया। जमानी गांव का बिजली सब स्टेशन डूब गया। कर्मचारी को बाहर निकालकर सप्लाई बंद करनी पड़ी। सिवनी मालवा तहसील के ग्रामीण इलाकों में खेत और रास्ते डूबे रहे। डिंडौरी में दोपहर 12 बजे के बाद पानी गिरा।
शाजापुर में नदी से मछली पकड़ने गए 27 वर्षीय विशाल केवट की आकाशीय बिजली की चपेट में आकर मौत हो गई। भोपाल में बूंदाबांदी का दौर चलता रहा।
छिंदवाड़ा में 9 घंटे में 2.1 इंच पानी गिर गया। वहीं, गुना में 1.8 इंच, नर्मदापुरम-ग्वालियर में 1.5 इंच, शाजापुर में 1.2 इंच और शिवपुरी में पौन इंच बारिश दर्ज की गई। भोपाल, दतिया, इंदौर, शिवपुरी, उज्जैन, जबलपुर, छतरपुर के नौगांव, टीकमगढ़, बालाघाट के मलाजखंड, श्योपुर, भिंड, राजगढ़, आगर-मालवा समेत कई जिलों में बारिश का दौर चला।
बुधवार को हुई बारिश की तस्वीरें…

नर्मदापुरम जिले के इटारसी में तेज बारिश होने से घर, अस्पताल में पानी भर गया।

उज्जैन में तेज बारिश हुई।

सिवनी मालवा में भी तेज बारिश का दौर रहा।
इस बार 7 इंच बारिश ज्यादा बता दें कि प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में औसत 21.1 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि अब तक 14.1 इंच बारिश होनी थी। इस हिसाब से 7.3 इंच बारिश ज्यादा हो चुकी है, जो 53% अधिक है। 3 जिले- निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर में तो कोटा पूरा हो चुका है। इन जिलों में सामान्य से 25% तक ज्यादा पानी गिर चुका है। ग्वालियर समेत 5 जिलों भी बेहतर स्थिति में है। यहां 80 से 95% तक बारिश हो चुकी है। दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभाग सबसे पीछे है। इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, बुरहानपुर और आगर-मालवा में 10 इंच से भी कम पानी गिरा है।
एमपी में अब तक इतनी बारिश…



10 साल में बारिश का ट्रेंड, पहले भोपाल के बारे में जानिए भोपाल में जुलाई में खूब बारिश होती है। यहां एक ही महीने में 1031.4 मिमी यानी 41 इंच के करीब बारिश होने का रिकॉर्ड है। यह साल 1986 में हुई थी। 22 जुलाई 1973 को एक ही दिन में 11 इंच बारिश हुई थी, जो अब तक का रिकॉर्ड है। साल 2024 में पूरे जुलाई महीने में 15.70 इंच बारिश हुई थी।
भोपाल में जुलाई महीने में एवरेज 15 दिन बारिश होती है यानी हर दूसरे दिन पानी बरसता है। महीने की एवरेज बारिश 367.7 मिमी यानी 14.4 इंच है। बारिश के चलते दिन का तापमान 30 और रात में पारा 25 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है।

इंदौर में इस बार 40% ज्यादा बारिश इंदौर की बात करें तो 24 घंटे में 11.5 इंच बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो 27 जुलाई 1913 को हुई थी। वर्ष 1973 में पूरे महीने 30.5 इंच पानी गिरा था। बारिश के चलते यहां भी तापमान में गिरावट देखने को मिलती है। इंदौर में महीने की एवरेज बारिश 12 इंच है। एवरेज 13 दिन यहां बारिश होती है। पिछले साल इंदौर में पूरे महीने 8.77 इंच बारिश हुई थी।

जबलपुर में जुलाई में गिर चुका 45 इंच पानी चारों बड़े शहरों में जबलपुर ऐसा है, जहां सबसे ज्यादा बारिश होती है। वर्ष 1930 में यहां करीब 45 इंच पानी बरसा था जबकि 30 जुलाई 1915 को 24 घंटे की सर्वाधिक 13.5 इंच बारिश हुई थी। 2013 और 2016 में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी।
जबलपुर में जुलाई की सामान्य बारिश 17 इंच है। महीने में 15 से 16 दिन पानी बरसता है।

ग्वालियर में कम बारिश का ट्रेंड भोपाल, इंदौर और जबलपुर की तुलना में ग्वालियर में जुलाई के महीने में सबसे कम बारिश होती है। पिछले 10 साल में 6 बार ऐसा हुआ, जब 8 इंच से कम पानी गिरा हो जबकि यहां की एवरेज बारिश 9 इंच के करीब है।
ग्वालियर में वर्ष 1935 में महीने की सबसे ज्यादा बारिश हुई थी। तब 623.3 मिमी यानी 24.5 इंच बारिश दर्ज की गई थी। इस बार बारिश के अच्छे संकेत हैं। मानसून की दस्तक के साथ यहां तेज बारिश का दौर जारी है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश की बात करें तो 12 जुलाई 2015 को 190.6 मिमी यानी साढ़े 7 इंच पानी बरसा था। ग्वालियर में जुलाई के महीने में एवरेज 11 दिन बारिश होती है।

उज्जैन में 36 इंच बारिश का रिकॉर्ड उज्जैन में पूरे जुलाई महीने में 36 इंच बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। इतनी बारिश साल 2015 में हुई थी। 2023 में 21 इंच से ज्यादा पानी गिर गया था। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश 19 जुलाई 2015 को 12.55 इंच हुई थी। उज्जैन में जुलाई की औसत बारिश 13 इंच है। महीने में 12 दिन पानी बरसता है।

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