जींद में वुशु चैंपियनशिप में तीन भाइयों ने जीते मेडल: पेड़ पर बंधे पंचिंग बैग से करते हैं प्रैक्टिस, कोच बोले-सुविधाओं का अभाव – Uchana News

जींद में वुशु चैंपियनशिप में तीन भाइयों ने जीते मेडल:  पेड़ पर बंधे पंचिंग बैग से करते हैं प्रैक्टिस, कोच बोले-सुविधाओं का अभाव – Uchana News



लक्ष्य गोल्ड मेडल, आर्यन सिल्वर मेडल व अनुज ब्रॉन्ज मेडल के साथ।

जींद में उचाना के भौंगरा गांव के तीन भाइयों ने रोहतक में 22 से 24 जुलाई को हुई वुशु स्टेट चैंपियनशिप में अपना दम दिखाया है। लक्ष्य ने गोल्ड मेडल, आर्यन ने सिल्वर मेडल व अनुज ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर बांगर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। लक्ष्य के पिता जगबी

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लक्ष्य इससे पहले अंबाला में हुई वुशु स्टेट चैंपियनशिप में भी ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर चुके हैं। लक्ष्य का देश के लिए गोल्ड लाने का सपना है। इसके लिए वे दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। लक्ष्य पिछले डेढ़ साल से शहीद राममेहर वुशु खेल नर्सरी में अपनी प्रैक्टिस कर रहे हैं। वहां वूशु कोच बिट्टू एनआईएस सुबह-शाम मेहनत करवाते हैं। पूरे जींद जिला में वूशु के बिट्टू समेत केवल 2 ही कोच हैं।

कोच और टीचर को दिया श्रेय

लक्ष्य ने इस जीत का श्रेय अपने कोच बिट्टू व अपने स्कूल अध्यापकों को दिया है। उन्होंने कहा कि इस मेहनत के लिए उनके माता-पिता अक्सर उन्हें प्रेरित करते रहते हैं। अगर उन्हें खेल नर्सरी में और भी सुविधा मिलती है तो उनके साथ गांव के और भी बच्चे प्रैक्टिस कर सकेंगे।

अभी शहीद राममेहर वुशु खेल नर्सरी में 50 के करीब बच्चे सुबह-शाम अपना पसीना बहाते हैं। उन्हें वुशु के लिए पेड़ पर बंधे पंचिंग बैग से प्रैक्टिस करनी पड़ती है। कोच बिट्टू ने बताया कि लक्ष्य और उसके भाइयों द्वारा मेडल जीतकर बांगर क्षेत्र का नाम रोशन किया गया है।

नर्सरी में सुविधाओं का अभाव

कोच ने बताया कि नर्सरी में सुविधाओं का अभाव है। बच्चों के लिए अभी 32 रेसलिंग मैटों की आवश्यकता है। खेलने हेतु काफी सामान की जरूरत है। उनका मानना है कि अगर खेल नर्सरी में पूरी सुविधाएं बच्चों को मिलती हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार मेडलों की बारिश होगी और अनेक प्रतिभाएं उभर कर सामने आएंगी।



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