अक्सर अचानक गश खाकर गिरने वाले लोगों की जान समय पर चिकित्सीय सहायता न मिलने के कारण चली जाती है। ऐसे मामलों का मुख्य कारण ‘सडन कार्डियक अरेस्ट’ होता है। लेकिन अगर आसपास मौजूद कोई व्यक्ति तुरंत सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) दे दे, तो जिंदगी बच
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जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन, मध्यप्रदेश के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप गुप्ता ने बताया कि यह कार्यक्रम गांधी मेडिकल कॉलेज की अधिष्ठाता डॉ. कविता एन. सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम का नेतृत्व निश्चेतना विभागाध्यक्ष डॉ. आरपी कौशल और डॉ. दीपेश गुप्ता द्वारा किया जा रहा है।
प्रशिक्षण में अलग-अलग विभागों के जूनियर डॉक्टरों को शामिल किया गया है। BLS (बेसिक लाइफ सपोर्ट) और ACLS (एडवांस्ड कार्डियक लाइफ सपोर्ट) जैसी तकनीक आपात स्थिति में मरीज को तुरंत सहायता देने और उसकी जान बचाने के लिए अत्यंत जरूरी हैं।
डॉ. गुप्ता ने कहा, आकस्मिक स्थितियों में त्वरित और सही प्रतिक्रिया ही मरीज की जान बचा सकती है। ऐसे प्रशिक्षण डॉक्टरों की आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं में दक्षता बढ़ाते हैं।
क्या है BLS-ACLS प्रशिक्षण
- BLS: अचानक बेहोश होने या सांस रुकने पर सीपीआर और अन्य प्राथमिक तकनीक सिखाता है।
- ACLS: गंभीर कार्डियक स्थितियों में एडवांस जीवन रक्षक उपायों पर केंद्रित है।