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Bhopal News: मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई से शुरू होगा. इससे पहले एक बार फिर डिप्टी स्पीकर का मुद्दा चर्चा में है. पिछले 5 सालों से एमपी विधानसभा बिना डिप्टी स्पीकर के ही चल रहा है.
हाइलाइट्स
- मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र
- 5 साल से डिप्टी स्पीकर का पोस्ट खाली
- कांग्रेस ने 2019 में पद छोड़ने से किया था इनकार
मार्च 2020 तक कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान हीना लिखीराम कावरे विधानसभा की आखिरी डिप्टी स्पीकर थीं. डिप्टी स्पीकर न सिर्फ अध्यक्ष की गैरमौजूदगी में सत्रों की अध्यक्षता करता है, बल्कि जरूरी सदन समितियों का अध्यक्ष भी होता है. मीडिया गैलरी सलाहकार समिति और विधायकों के बीच समन्वय स्थापित करता है. विधायकों के वेतन-भत्तों के संशोधन के लिए बनाई गई समिति का नेतत्व भी वे ही करते हैं.
मध्य प्रदेश विधानसभा की परंपरा के मुताबिक अध्यक्ष की नियुक्ति सत्ता पक्ष करती है, जबकि डिप्टी स्पीकर का पोस्ट विपक्ष को दिया जाता है. हालांकि 109 विधायकों के साथ बीजेपी ने 2019 में सदन में अपनी बहुमत साबिक करने की कोशिश की और अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की घोषणा की. यह पद कांग्रेस को दिया गया था, लेकिन भाजपा ने उस वक्त उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा को उपसभापति पद के लिए नामित किया. तक तत्कालीन स्पीकर ने हीना लिखीराम कावरे को उपसभापति चुना. हालांकि मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल होने के बाद बीजेपी सत्ता में लौट आई, जिसके बाद से उपसभापति का पद खाली पड़ा है.
Preeti George is lead content writer at hindi.news18.com having experience of more than 5 years in digital media. After completing her masters from Kushabhau Thakre Journalism university, she worked in various …और पढ़ें
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