पंत ने फिर साबित किया फ्लावर नहीं, फायर हैं वो… दिखा कुंबले-युवी वाला जज्‍बा

पंत ने फिर साबित किया फ्लावर नहीं, फायर हैं वो… दिखा कुंबले-युवी वाला जज्‍बा


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Rishabh Pant News: ऋषभ पंत ने आज भारत-इंग्‍लैंड टेस्‍ट सीरीज के चौथे मुकाबले में जो जज्‍बा दिखाया, उसका हर कोई क्रिकेट फैन कायल हो गया है. बीसीसीआई ने एक दिन पहले ऐलान किया था कि पंत की पैर की हड्डी टूट गई है. …और पढ़ें

ऋषभ पंत ने शानदार जज्‍बा दिखाया. (News18)

हाइलाइट्स

  • ऋषभ पंत की मैनचेस्‍टर टेस्‍ट के पहले ही दिन पैर की हड्डी टूट गई थी.
  • पंत इसके बावजूद आज दूसरे दिन मैदान में बैटिंग करते हुए नजर आए.
  • BCCI पहले ही छह सप्‍ताह क्रिकेट से बाहर रहने की घोषणा कर चुकी है.
नई दिल्‍ली. मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में चौथे टेस्‍ट के पहले दिन बुधवार को भारत और इंग्लैंड के बीच मैच के दौरान ऋषभ पंत सुर्खियों में रहे. क्रिस वोक्स की यॉर्कर गेंद पर रिवर्स स्वीप खेलते वक्त पंत के दाहिने पैर के अंगूठे में फ्रैक्चर आ गया. गेंद इतनी जोर से लगी कि पैर सूज गया, खून बहने लगा, और पंत दर्द से कराहते हुए मैदान छोड़ने को मजबूर हुए. बीसीसीआई ने बताया कि पंत को छह हफ्ते क्रिकेट से दूर रहेंगे. हालांकि मैच के दूसरे ही दिन पंत लंगड़ाते हुए मैदान पर उतरे और ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान को चूमने के बाद बल्लेबाजी करते नजर आए. ऋषभ का यह जज्बा देख स्टेडियम में मौजूद फैंस भावुक हो गए. पंत ने 48 गेंदों में 37 रन बनाए. पंत का यह जज्बा हमें अनिल कुंबले, सचिन तेंदुलकर और युवराज सिंह जैसे क्रिकेटर्स की याद दिलाता है, जो दर्द से कहराते हुए भी मैदान में उतरे थे.

अनिल कुंबले: टूटा जबड़ा, अटूट हौसला
साल 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ सेंट जॉन्स टेस्ट में अनिल कुंबले ने भारतीय क्रिकेट के जज्बे की मिसाल पेश की थी. गेंदबाजी के दौरान उनकी ठुड्डी पर गेंद लगी, जिससे उनका जबड़ा टूट गया. डॉक्टरों ने आराम की सलाह दी, लेकिन कुंबले ने हार नहीं मानी. चेहरा पट्टी से बंधा, दर्द से जूझते हुए उन्होंने 14 ओवर गेंदबाजी की और ब्रायन लारा जैसे दिग्गज का विकेट चटकाया. यह पल भारतीय क्रिकेट इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है. कुंबले का यह त्याग और जुनून युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बना.

सचिन तेंदुलकर: दर्द में भी जंग
साल 1999 में चेन्नई टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ सचिन तेंदुलकर ने पीठ दर्द से जूझते हुए 136 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली. उनकी पीठ में असहनीय दर्द था. फिर भी वह मैदान पर डटे रहे. भारत को जीत की कगार पर ले जाने वाली उनकी यह पारी फैंस के दिलों में बसी है. भले ही भारत 12 रन से हार गया. सचिन की लहूलुहान कोशिश ने दिखाया कि वह सिर्फ बल्लेबाज नहीं, बल्कि एक योद्धा थे. यह पारी आज भी क्रिकेट प्रेमियों के लिए प्रेरणा का प्रतीक है.

युवराज सिंह: कैंसर से जंग और विश्व कप की जीत
साल 2011 के विश्व कप में युवराज सिंह ने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझते हुए भी भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में उन्होंने 57 रन और 2 विकेट लेकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई. कैंसर के शुरुआती लक्षणों के बावजूद युवराज ने हर मैच में जज्बा दिखाया और भारत को विश्व कप जिताने में योगदान दिया. उनकी यह लड़ाई न केवल क्रिकेट के मैदान पर, बल्कि जीवन की चुनौतियों से लड़ने की प्रेरणा देती है.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें

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