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Rishabh Pant News: ऋषभ पंत ने आज भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के चौथे मुकाबले में जो जज्बा दिखाया, उसका हर कोई क्रिकेट फैन कायल हो गया है. बीसीसीआई ने एक दिन पहले ऐलान किया था कि पंत की पैर की हड्डी टूट गई है. …और पढ़ें
हाइलाइट्स
- ऋषभ पंत की मैनचेस्टर टेस्ट के पहले ही दिन पैर की हड्डी टूट गई थी.
- पंत इसके बावजूद आज दूसरे दिन मैदान में बैटिंग करते हुए नजर आए.
- BCCI पहले ही छह सप्ताह क्रिकेट से बाहर रहने की घोषणा कर चुकी है.
अनिल कुंबले: टूटा जबड़ा, अटूट हौसला
साल 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ सेंट जॉन्स टेस्ट में अनिल कुंबले ने भारतीय क्रिकेट के जज्बे की मिसाल पेश की थी. गेंदबाजी के दौरान उनकी ठुड्डी पर गेंद लगी, जिससे उनका जबड़ा टूट गया. डॉक्टरों ने आराम की सलाह दी, लेकिन कुंबले ने हार नहीं मानी. चेहरा पट्टी से बंधा, दर्द से जूझते हुए उन्होंने 14 ओवर गेंदबाजी की और ब्रायन लारा जैसे दिग्गज का विकेट चटकाया. यह पल भारतीय क्रिकेट इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है. कुंबले का यह त्याग और जुनून युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बना.
साल 1999 में चेन्नई टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ सचिन तेंदुलकर ने पीठ दर्द से जूझते हुए 136 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली. उनकी पीठ में असहनीय दर्द था. फिर भी वह मैदान पर डटे रहे. भारत को जीत की कगार पर ले जाने वाली उनकी यह पारी फैंस के दिलों में बसी है. भले ही भारत 12 रन से हार गया. सचिन की लहूलुहान कोशिश ने दिखाया कि वह सिर्फ बल्लेबाज नहीं, बल्कि एक योद्धा थे. यह पारी आज भी क्रिकेट प्रेमियों के लिए प्रेरणा का प्रतीक है.
युवराज सिंह: कैंसर से जंग और विश्व कप की जीत
साल 2011 के विश्व कप में युवराज सिंह ने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझते हुए भी भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में उन्होंने 57 रन और 2 विकेट लेकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई. कैंसर के शुरुआती लक्षणों के बावजूद युवराज ने हर मैच में जज्बा दिखाया और भारत को विश्व कप जिताने में योगदान दिया. उनकी यह लड़ाई न केवल क्रिकेट के मैदान पर, बल्कि जीवन की चुनौतियों से लड़ने की प्रेरणा देती है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें