मप्र पुलिस की नौकरी में आए नए कॉन्स्टेबल ट्रेनिंग के दौरान रामायण पाठ करेंगे। नव आरक्षकों को ये सलाह पुलिस मुख्यालय के एडीजी (प्रशिक्षण) राजाबाबू सिंह ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दी है। पुलिस में सिलेक्ट होकर आए नए जवान इस सुझाव को अच्छा मान र
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कांग्रेस ने कहा- सबको अपने धर्म ग्रंथ पढ़ने की आजादी, किसी को बाध्य न किया जाए कांग्रेस प्रवक्ता फिरोज सिद्दीकी ने कहा- देश संविधान से चलेगा और भारत का संविधान सर्व धर्म समभाव और धर्मनिरपेक्ष है। पुलिस मुख्यालय से कॉन्स्टेबल ट्रेनिंग के लिए जो निर्देश जारी किए गए हैं कि एक धर्म विशेष का धार्मिक ग्रंथ पढ़ाया जाए। इसका कोई विरोध नहीं है धर्म व्यक्तिगत आस्था का विषय है और सरकार का कोई धर्म और उसकी कोई जाति नहीं हैं। इस देश में सभी धर्मों का बराबरी से सम्मान होता है। किसी को भी कोई धार्मिक ग्रंथ पढ़ने के लिए बाध्य न किया जाए। किसी धार्मिक प्रार्थना, इबादत के लिए बाध्य न किया जाए।
इसलिए दी रामायण पढ़ने की सलाह बुधवार 23 जुलाई से मप्र के आठ पुलिस ट्रेनिंग स्कूलों में करीब 4 हजार नए पुलिस आरक्षकों की ट्रेनिंग शुरू हुई। जून में पुलिस की नौकरी में चयनित होकर आए करीब 600 आरक्षकों ने अपने गृह जिले के करीब वाले पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (PTS) में तबादला करने के आवेदन दिए। बड़ी संख्या में जब नए आरक्षकों की ट्रेनिंग के पहले ही तबादलों के आवेदन और सिफारिशें आईं तो एडीजी ने प्रशिक्षण शुरू होने के एक दिन पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी आठ पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के एसपी और नव आरक्षकों से बात की।

मंगलवार को एडीजी(ट्रेनिंग) राजाबाबू सिंह ने नव आरक्षकों को रोज सोने से पहले रामायण का पाठ करने की सलाह दी।
एडीजी (प्रशिक्षण) राजाबाबू सिंह ने नव आरक्षकों से कहा- भगवान राम ने 14 साल का वनवास स्वीकार किया था। भगवान जब माता-पिता की आज्ञा मानने के लिए 14 साल वन में रह सकते हैं तो आप अपने ट्रेनिंग के लिए घर-परिवार से दूर नहीं रह सकते। आप भगवान राम के जीवन को देखिए उन्होंने किस तरह अपना जीवन जिया। रावण से लड़ने के लिए वानरों की सेना तैयार की और लंका पर विजय प्राप्त की। मेरा सुझाव है कि जो नए आरक्षक हैं वो रोज सोने से पहले राम चरित मानस का पाठ करें।

एडीजी ने अपने ऑफिस में राम चरित मानस रखी है।
क्या बोले ADG वर्चुअल मीटिंग में दिए गए सुझाव पर जब एडीजी राजाबाबू सिंह से पूछा तो उन्होंने कहा- मप्र पुलिस में आरक्षकों को ट्रेनिंग देने के लिए कुल 8 ट्रेनिंग सेंटर हैं। पीटीएस रीवा, उमरिया, पचमढ़ी (नर्मदापुरम), इंदौर, उज्जैन, भौंरी (भोपाल), तिघरा (ग्वालियर), सागर। यहां 4 हजार नव आरक्षकों की 23 जुलाई से नौ महीने की ट्रेनिंग शुरू हुई है। एक जुलाई 2024 को न्यू क्रिमिनल लॉ लागू हो गए हैं। उनके मद्देनजर हमने पुलिस कॉन्स्टेबल के नौ महीने के बेसिक कोर्स में संशोधन किया है।

करीब 600 नव आरक्षकों ने अपने पुलिस ट्रेनिंग स्कूल बदलवाने आवेदन दिए हैं।
तबादलों के लिए आ रहे थे आवेदन राजाबाबू सिंह ने कहा- चूंकि, इसमें टेक्नोलॉजी का एलिमेंट काफी है। ई साक्ष्य, सीसीटीएनएस जैसी तकनीक में दक्ष करते हुए उन्हें ईकॉन बनाने का नौ महीने के प्रोसेस के लिए कोर्स को डिजाइन किया है। बहुत सारे एप्लिकेशन आ रहे थे कि मेरा पीटीएस चेंज कर दिया जाए। मैं छिंदवाड़ा का रहने वाला हूं, मुझे पीटीएस पचमढ़ी में कर दिया जाए। मैं चंबल का रहने वाला हूं मुझे पीटीएस तिघरा कर दिया जाए। पीटीएस बदलवाने के लिए भीड़ लगी हुई थी। कोई ये कारण बता रहा था कि मेरे घर में मां बीमार हैं।

विशेष पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) राजाबाबू सिंह।
एडीजी राजाबाबू सिंह ने कहा- तो मैं जब सारे पीटीएस के एसपी को अड्रेस कर रहा था तब मैंने ये कहा था कि आप इनकी काउंसिलिंग कीजिए। रामचरितमानस में, जो हमारा सनातन का ग्रंथ है उसमें भगवान राम 14 साल वनवास रहे। उनकी 14 साल में कितनी ग्रोथ हुई थी। भगवान राम का प्रकृति से प्रेम, जटायु के प्रति प्रेम हो, या वानर सेना बनाई फिर उन्होंने रणनीति बनाकर रावण का वध किया।
जब भगवान राम 14 साल वन में रह सकते हैं तो अपने स्टेट में ही आप एक ट्रेनिंग सेंटर में नहीं रह सकते। आपके पास अब टाइम नहीं कि आप ट्रेनिंग सेंटर को चेंज करें। आप कमिटमेंट के साथ ट्रेनिंग को पूरा कीजिए। आप लोग रूरल या सब अर्बन बैकग्राउंड से हैं। आपको ईकॉप के रूप में मेटामॉर फोर्स होना है।
नौ महीने बाद जब ट्रेनिंग करके निकलेंगे तो आप बदले हुए होंगे। और अगले 33 से 35 साल तक आप मप्र पुलिस का फ्रंट फेस होंगे। तो ट्रेनिंग पर ध्यान दीजिए सेंटर चेंज कराने पर ध्यान मत दीजिए। इसलिए मैंने ये भगवान राम का उदाहरण दिया था और हमने कहा था कि रामचरित मानस को पढ़िए और उससे प्रेरणा लीजिए उसमें जीवन जीने के बहुत सारे संदेश निहित हैं।

भोपाल के भौंरी पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण लेते नव आरक्षक।
भास्कर ने पुलिस ट्रेनिंग स्कूल पहुंचकर नए आरक्षकों की राय जानी एडीजी के रामायण पढ़ने के सुझाव पर भास्कर ने भोपाल के भौंरी स्थित पुलिस ट्रेनिंग स्कूल पहुंचकर नए आरक्षकों से बातचीत कर उनकी राय जानी। नव आरक्षकों ने एडीजी के सुझाव को सकारात्मक बताया। मुस्लिम वर्ग के नए आरक्षकों से भी बात की। जानिए किस आरक्षक ने क्या कहा….
उस्मानी शबनम: कल साहब ने जो कहा कि राम जी ने जिस तरह 14 वर्ष का वनवास लिया था उसके सामने तो ये कहीं नहीं है। उससे हमें सीख लेना चाहिए कि अपने परिवार से दूर रहकर हम भी देशभक्ति कर सकें। घर के नजदीक रहना जरूरी नहीं हैं देशभक्ति करना जरूरी है। क्योंकि हम जिस विभाग में आए हैं तो हमारा कर्तव्य बनता है कि हमें भी अपने देश के लिए सेवा देना है तो घर का टेंशन न करें। क्योंकि हमें यहां बहुत अच्छा प्रशिक्षण मिल रहा है। रामचरित मानस का पाठ करने से हमारे अंदर जागरूकता आएगी, जिससे हमें सीख मिलेगी कि हमें जीवन में उनके आचरण पर चलना चाहिए। हम जो बहक जाते हैं अपने परिवार के प्रति चले जाते हैं देशभक्ति को भूलकर तो हमें रामचरित मानस से सीख मिलेगी कि हमें अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठावान रहना चाहिए।
अयान महमूद खान: जैसे भगवान राम ने 14 साल वनवास में काटे थे तो ऐसे ही हम एक साल यहां रहेंगे और राम जी हमारे प्रेरणा स्रोत हैं। यहां अच्छे से ट्रेनिंग करके निकलेंगे और देश की सेवा करेंगे रामचरित मानस पढ़ने का अच्छा सुझाव दिया है। इससे हम मोटिवेटेड रहेंगे और हमारा मन शांत रहेगा। तो दिन भर की थकावट के बाद अगर हम शाम को इसका पाठ करते हैं तो थोड़ा सा हमारे लिए मेंटली पीस रहेगा। सर का अच्छा सजेशन है इसको हम लोग भी ट्राय करेंगे।