सेल्समैन उपेंद्र मिश्रा ने वीडियो जारी किया है।
.
जबलपुर के बरेला स्थित शराब दुकान के सेल्समैन उपेंद्र मिश्रा से असिस्टेंट कमिश्नर संजीव दुबे ने मारपीट की थी। जिसके वीडियो वायरल हुए थे।
बुधवार (23 जुलाई) को उपेंद्र ने भी एक वीडियो जारी किया है। जिसमें उन्होंने आबकारी विभाग पर कई आरोप लगाए हैं।
उपेंद्र का कहना है कि मैं ईमानदारी से दुकान में नौकरी कर रहा था। बिना वजह संजीव दुबे ने मारपीट की और फर्जी मामला दर्ज करवा दिया। मेरी जान को खतरा है, इसलिए वह जबलपुर छोड़ दिया है।
इधर, आबकारी विभाग का दावा है कि अवैध शराब तस्करी के मामले में 17 जुलाई को उपेंद्र को गिरफ्तार कर बरेला से जबलपुर लाया जा रहा था। उस दौरान वह तिलहरी के पास विभाग के कर्मचारियों को चकमा देकर फरार हो गया।
सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे कर्मचारियों से ठेकेदार के बारे में पूछा और धमकाया।
जानिए, मारपीट, दावों और आरोपों की कहानी 17 जुलाई 2025, रात सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे, सहायक जिला आबकारी अधिकारी इंद्रेश तिवारी और टीम के साथ रात में बरेला, पड़वार और धनपुरी की 4 दुकानों पर पहुंचे। इन दुकानों पर उन्होंने पहले काउंटर पर सर्चिंग की। बरेला की शराब दुकान नंबर 1 पर जाकर सेल्समैन उपेंद्र मिश्रा के साथ मारपीट की गई। सिपाही हर्ष ठाकुर ने भी बेरहमी से पीटा। इसके बाद सभी वापस जबलपुर आ गए।
18 जुलाई 2025, सुबह सुबह सहायक आबकारी अधिकारी संजीव दुबे के वीडियो वायरल हो गए। जिसमें वे उपेंद्र के साथ मारपीट करते दिखाई दे रहे हैं।
कर्मचारियों का आरोप है कि बरेला की दोनों दुकानों के कर्मचारियों के साथ मारपीट करने के बाद संजीव दुबे पड़वार और धनपुरी गए। वहां पर भी उन्होंने मारपीट की। धनपुरी शराब दुकान का तो डीवीआर भी अपने साथ ले गए।
18 जुलाई 2025, दोपहर आबकारी विभाग ने एक प्रेस नोट जारी कर उपेंद्र मिश्रा को फरार बताया। कहा कि बरेला से उसे गिरफ्तार कर जबलपुर लाया जा रहा था। तभी वह गाड़ी से कूदकर भाग गया। उसके खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 34 (2) के तहत कार्रवाई की गई है। उपेंद्र फरार है।

सेल्समैन उपेंद्र की 18 जुलाई को सुबह 11.44 बजे एमएलसी कराई गई।
मारपीट के बाद थाने गया, कहा सुबह आना इधर, उपेंद्र मिश्रा ने वीडियो जारी कर आबकारी विभाग के आरोपों का जवाब दिया। कहा कि 17 जुलाई की रात को अधिकारी संजीव दुबे ने मुझसे मारपीट की थी। मैं सबसे पहले अपनी दुकान के मालिक को फोन पर सूचना दी। फिर बरेला थाने गया। वहां मुझे अगले दिन आने का कहकर वापस भेज गया।
उस रात मैं दुकान में ही सो गया। अगले दिन 18 जुलाई को सुबह बरेला थाने जाकर पुलिस से शिकायत की। पुलिस एमएलसी के लिए जिला अस्पताल ले गई। इसके बाद शिकायत दर्ज की।

संजीव दुबे इंदौर और भोपाल में भी विवादों में रहे।
आबकारी ने कहा- 3 गाड़ियों में छिपाई अवैध शराब
वीडियो सामने आने के बाद आबकारी विभाग ने बताया कि मुखबिर से अवैध शराब की सूचना मिली थी। पता चला था कि 4 गाड़ियों में शराब छिपाई गई है। आबकारी की एक टीम ने रेकी शुरू की।
टीम तिलहरी दुकान पर पहुंची तो यहां 3 चार पहिया वाहनों में रखी कुल 216.75 बल्क लीटर मदिरा बरामद की गई।
चौथी गाड़ी बरेला शराब दुकान पर लोड हो रही थी। दुकान के सेल्समैन उपेंद्र मिश्रा से कागजात मांगे। स्टॉक की डिटेल्स पूछी गई। उसने टीम को जानकारी देने से इनकार कर दिया।
मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1916 की धारा 34(1) क एवं 34(2) के तहत 3 केस दर्ज किए हैं। उपेंद्र मिश्रा के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है, वह फरार है।
विभाग की कार्रवाई पर सवाल क्यों? दरअसल, जिस वक्त 17 जुलाई को उपेंद्र के साथ मारपीट हुई, तब वह दुकान पर था। अगले दिन 18 जुलाई की सुबह और फिर दोपहर के भी वह दुकान में काम करते हुए नजर आया। इसके वीडियो सामने आए हैं।
18 जुलाई को बरेला थाने में उसने शिकायत भी दर्ज करवाई है। पुलिस ने एमएलसी भी कराई है।

कांग्रेस ने कहा- यह पैसों की बंदरबांट सहायक आबकारी अधिकारी संजीव दुबे की कार्यप्रणाली को लेकर कांग्रेस हमलावर है। नगर अध्यक्ष सौरभ शर्मा ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए कहा कि संजीव दुबे भ्रष्ट्र अधिकारी हैं। भ्रष्टाचार के लिए वे पूरे प्रदेश में पहचाने जाते हैं।
बीते दिनों जो भी हुआ, यह प्रशासनिक या फिर आबकारी विभाग की व्यवस्था नहीं है बल्कि पैसों की बंदरबांट है।
जबलपुर में आबकारी विभाग ने जो कृत्य किया है, यह राष्ट्रीय पटल पर जबलपुर को शर्मसार करने वाला है। एक तरफ सीएम मोहन यादव कह रहे हैं कि धार्मिक स्थानों में शराब नहीं बिकेगी। वे नशा मुक्ति अभियान भी चला रहे हैं।

कौन हैं असिस्टेंट कमिश्नर संजीव दुबे
