फैंसी शॉट्स का चस्का बनी ऋषभ के चोट की वजह, पहले टीम को हो चुका है बहुत नुकसान

फैंसी शॉट्स का चस्का बनी ऋषभ के चोट की वजह, पहले टीम को हो चुका है बहुत नुकसान


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ऋषभ पंत की फैंसी शॉट्स खेलने की आदत पहले टीम को नुकसान पहुंचाती थी पर इस बार टीम के साथ साथ उनको खुद को भी बड़ा नुकसान हुआ. क्रिस वोक्स जैसे तेज गेंदबाज को रिवर्स स्वीप खेलने के चक्कर में वो अपना पंजा तुड़वा बै…और पढ़ें

ऋषभ पंत के फैंटेसी शॉट्स ने मैच जिताया कम फंसाया ज्यादा है, मैनचेस्टर बना एक और उदाहरण
मैनचेस्टर. हमेशा कहा जाता है कि एक बल्लेबाज का टेस्ट क्रिकेट में चलना तीन T पर बहुत ज्यादा निर्भर करता है यानि टेक्नीक, टाइमिंग और टेंपरामेंट पर कुछ बल्लेबाज इस पुराने फॉर्मेट में कुछ नए अध्याय जोड़ना चाहते है उनमें से एक हैं ऋषभ पंत जो टेस्ट क्रिकेट की बल्लेबाजी की किताब में कुछ ऐसे फैंसी शॉट्स जोड़ना चाहते है जिस पर तालियां कम और गालियां पड़ने की संभावना ज्यादा रहती है. इस शॉट्स ने टीम को जिताया कम और फंसाया ज्यादा है. इसकी एक और मिसाल हमें ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान पर देखने को मिली.

चौथे टेस्ट मैच के पहले दिन के तीसरे सेशन में ऋषभ पंत अपनी किताब से वो शॉट निकाल कर ले आए जिसनें टेस्ट मैच में भारत की सारी रणनीति को बदल कर रख दिया. क्रिस वोक्स की गेंद को रिवर्स स्वीप करने के चक्कर में वो अपना पंजा तुड़वा बैठे और सीरीज से बाहर हो गए पर सवाल बड़ा ये है कि अच्छी गेंद पर या पिच की खराबी से चोट लग जाए तो समझ में आता है पर बल्लेबाज खुद से मुसीबत मोल ले तो उसे आप क्या कहेंगे.

पंत का फैंसी शॉट पर इतना फोकस क्यों ?

लीड्स में दो शतक, ऐजबेस्टन में दो अर्धशतक और लॉर्ड्स की पहली पारी में 73 रन ये वो पारियां है जिसमें ऋषभ पंत ने गेंदबाजों पर पहले दबाव बनाया और फिर उसका फायदा उठाते हुए रन भी बनाए. पारी की शुरुआत में क्रीज से बाहर निकलकर शॉट खेलना समझ आता है, गेंदबाज की लय बिगाड़ने के लिए आड़े शॉट्स को भी हजम किया जा सकता है पर पेस बॉलर को रिवर्स स्वीप और तब जब टीम को आपकी सबसे ज्यादा जरूरत हो नहीं समझ आता. जो बल्लेबाज अपने पॉवर से विकेट के सामने अच्छा खेलता है उसे विकेट के पीछे शॉट्स खेलने की जरूरत क्या है. ये शॉट तब खला जाता है जब बॉलर आपको बांधकर रख दे पर ऐसा थैा नहीं बहुत आराम से सिंगल डबल से रन बन रहे थे पर ऋषभ अपनी फैंटेसी को कब तक रोकते, दर्शको को ताली बजाए भी काफी देर हो गई थी तो पिर क्या था खेल बैठे अपना पसंदीदा रिवर्स स्वीप बस इस बार बैट के बजाय गेंद सीधे पंजे पर लगी और ये तय हो गया कि वो इस सीरीज में दोबारा बैट नहीं पकड़ पाएंगे.

ऑस्ट्रेलिया में हार का कारण बना था रिवर्स स्वीप 

ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे पर ही ऋषभ पंत जब लगातार रिवर्स स्वीप और पैडलस्वीप मारकर आउट हो रहे थे तब कॉमेंट्री कर रहे सुनील गावस्कर ने इस शॉट को स्टुपिड तक कह दिया था क्योंकि मैच का रुख कई बार ऋषभ पंत के इस शॉट की वजह से ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में मुड़ गया था. तब सुनील गावस्कर ने कहा था , मैं जब ऋषभ पंत जैसे किसी प्रतिभावान खिलाड़ी को देखता हूं, मुझे उनके द्वारा ऐसा शॉट खेलने से कोई दिक्कत नहीं है. मैं निराश इसलिए हुआ क्योंकि क्योंकि अगली ही गेंद पर उन्होंने फिर से वैसा ही प्रयास किया.” भारतीय दिग्गज ने यह भी कहा कि पंत मैच पर अपनी पकड़ मजबूत बनाना चाहते थे, जबकि परिस्थिति अनुसार उन्हें डटकर खेलने पर विचार करना चाहिए था. ऑस्ट्रेलिया में पंत जब ये शॉट खेलकर आउट हुए तो भारत सीरीज से बाहर हुआ और इंग्लैंड में ऋषभ पंत खुद को ही 6 हफ्ते के लिए बाहर कर दिया.

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