प्रदूषण, खराब खान-पान और आलसी जीवनशैली न केवल अंदरूनी शरीर बल्कि बाहरी सेहत को भी नुकसान पहुंचा रही है। यही कारण है कि जानकार मानते हैं कि इस दौर में डर्मेटोलॉजी (त्वचा रोग विशेषज्ञ) की डिमांड बीते दशकों के मुकाबले कई गुना बढ़ गई है। इसके अलावा बीमार
.
इस स्थिति को देखते हुए, केंद्रीय आयुष मंत्रालय से भोपाल में इन दोनों विषयों के होम्योपैथी विधि के एक्सपर्ट तैयार करने की अनुमति दी है। जिसके तहत राजधानी में स्थित सरकारी होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय और चिकित्सालय में दो नए पीजी कोर्स (डर्मेटोलॉजी और कम्युनिटी मेडिसिन) शुरू किए जा रहे हैं।
अब तक 7 पीजी कोर्स हो रहे संचालित अब तक शासकीय होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में 7 विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (पीजी कोर्स) संचालित हैं। महाविद्यालय में प्रैक्टिस ऑफ मेडिसिन, पेडियाट्रिक, साइकियाट्रिक, फार्मेसी, मेडिसिन और रेस्पिरेटरी में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम पहले से संचालित हैं।
शिक्षण सत्र 2025-26 से त्वचा रोग (डर्मेटोलॉजी) एवं कम्युनिटी मेडिसिन विषयों में भी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित होंगे। जिसके बाद महाविद्यालय को कुल 9 विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालन की अनुमति मिल गई है।