आगर मालवा | सावन माह में प्रतिदिन भक्तों द्वारा बाबा बैजनाथ महादेव का अलग-अलग तरह से मनमोहक शृंगार किया जा रहा है। बुधवार को मासिक शिवरात्रि पर भक्तों द्वारा बाबा बैजनाथ महादेव का प्रथम बार दर्शन 13 वीं शताब्दी स्वरूप में शृंगार किया गया। नित्य दर्शन
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मंदिर से जुड़ी किवदंती के अनुसार एक गाय रोज जंगल चरने जाती और वापस आने पर दूध नहीं देती, उसका बछड़ा भूखा बिलखता रहता, बहुत दिनों तक ये सिलसिला चलता रहा। चरवाहा ने वजह जानना चाही और गाय का पीछा किया उसने देखा गाय जंगल में वृक्षों के बीच काले पत्थर पर स्वतः दूध अर्पण कर रही है। इस प्रकार स्वयंभू शिवलिंग का पता चला उसके बाद अपनी चमत्कारिक घटनाओं के कारण यह मंदिर जन-जन की आस्था का केंद्र बनता जा रहा है। इस खास शृंगार के लिए भक्त रामेश्वर योगी द्वारा प्रतीकात्मक रूप से उक्त सेंसर युक्त गाय लाई गई, जिससे शिवलिंग पर निरंतर दुध से अभिषेक किया गया। इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और दर्शन लाभ लिए गए। देर रात आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।