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Burhanpur News: प्रदीप करोड़ी ने लोकल 18 से कहा कि उनका उद्देश्य है कि मधुमक्खियां किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएं क्योंकि इनके हमले में इंसान की मौत भी हो जाती है, इसलिए वह यह काम पिछले 25 साल से कर रहे हैं.
प्रदीप ने कहा कि उनका मकसद है कि मधुमक्खियां किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएं क्योंकि मधुमक्खियों के हमले में इंसान की मौत भी हो जाती है, इसलिए वह यह काम करते हैं. वह पिछले 25 साल से इस काम को कर रहे हैं और उन्हें ऐसा करते हुए कोई डर नहीं लगता है.
पिता ने कला सिखाई है तो…
उन्होंने आगे कहा कि उनका एक ही उद्देश्य रहता है कि उनके पिता ने उन्हें यह कला सिखाई है, तो वह इसका सदुपयोग कर सकें. रहवासी क्षेत्रों में जो मधुमक्खियों के छत्ते लग जाते हैं, तो वह उनको हटाकर जंगलों में शिफ्ट करने का काम करते हैं. इसके लिए वह किसी से कोई राशि नहीं लेते हैं. जो छत्ते होते हैं, उसमें से जो शहद निकलता है, वह उसे बेचकर अपने परिवार की जीविका चलाते हैं.
जंगल में पेड़ों पर लगा देते हैं छत्ता
प्रदीप करोड़ी ने कहा कि जब वह किसी रिहायशी इलाके में मधुमक्खी का छत्ता लगा देखते हैं या फिर लोग उन्हें इसकी सूचना देकर उसे हटाने के लिए बुलाते हैं, तो वह मौके पर पहुंचकर बहुत आसानी से छत्ता हटा देते हैं. वह छत्ते को जंगल में पेड़ों पर लगा देते हैं. उन्होंने कहा कि वह मधुमक्खियों को अपने हाथों पर भी बैठा लेते हैं. मधुमक्खियां उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाती हैं.