Good Job: ग्‍लैमर से भरपूर है ये नौकरी, पीएम के साथ मिलता है दुनिया घूमने का मौका!

Good Job: ग्‍लैमर से भरपूर है ये नौकरी, पीएम के साथ मिलता है दुनिया घूमने का मौका!


Interpreter, Jobs News: जब भी भारत या किसी भी देश का प्रधानमंत्री विदेश दौरे पर जाता है, तो उनके साथ एक खास शख्स हमेशा नजर आता है-वह दुभाषिया (Interpreter).यह दो देशों के नेताओं की बातचीत को आसान बनाता है. चाहे वो ब्रिटेन का दौरा हो, रूस के साथ मीटिंग हो या संयुक्त राष्ट्र की सभा, दुभाषिया पीएम के बगल में बैठकर उनकी बातों को विदेशी नेताओं तक और उनकी बातों को पीएम तक पहुंचाता है. यह नौकरी न सिर्फ ग्लैमरस और प्रतिष्ठित है,बल्कि इसमें लाखों की सैलरी और दुनिया घूमने का मौका भी मिलता है. लेकिन सवाल यह है कि पीएम का आधिकारिक दुभाषिया बनने के लिए क्या करना पड़ता है? कौन से कोर्स करने होते हैं? सैलरी कितनी मिलती है और सिलेक्शन कैसे होता है? आइए यह सबकुछ समझते हैं…

Eligibility for Interpreter: दुभाषिया बनने के लिए क्या क्‍या चाहिए?

प्रधानमंत्री का आधिकारिक दुभाषिया बनना कोई आसान काम नहीं है.इसके लिए आपको भाषा में महारत, सांस्कृतिक समझ और प्रोफेशनल स्किल्स की जरूरत पड़ती है. भारत में पीएम के दुभाषियों का चयन ज्यादातर विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs)या भारतीय विदेश सेवा (IFS) के तहत होता है.इसके लिए कम से कम बैचलर डिग्री जरूरी है.यह किसी भी विषय में हो सकती है लेकिन भाषा,अंतरराष्ट्रीय संबंध या पॉलिटिकल साइंस जैसे विषयों को प्राथमिकता दी जाती है.इसके अलावा आपको कम से कम दो भाषाओं में फ्लुएंसी चाहिए-एक हिंदी या अंग्रेजी और दूसरी विदेशी भाषा जैसे रूसी,चीनी,फ्रेंच,स्पैनिश,जर्मन या अरबी. आपको इन भाषाओं को बोलने,पढ़ने और लिखने में पूरी तरह पारंगत होना होगा.

Interpreter Job Requirements: सर्टिफिकेशन भी होता है जरूरी

दुभाषिया बनने के लिए कई बार डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स इन भाषाओं में करना जरूरी होता है. उदाहरण के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), दिल्ली विश्वविद्यालय या स्कूल ऑफ फॉरेन लैंग्वेजेज (SFL), रक्षा मंत्रालय में फ्रेंच, रूसी, या चीनी जैसे भाषा कोर्स उपलब्ध हैं. ये कोर्स 6 महीने से 2 साल तक के होते हैं और इनकी फीस 25,000 से 1 लाख रुपये तक हो सकती है.

Interpreter Course and Training: जरूरी कोर्स और ट्रेनिंग

दुभाषिया बनने के लिए आपको प्रोफेशनल इंटरप्रेटिंग में ट्रेनिंग लेनी होती है.कुछ प्रमुख कोर्स और संस्थान इस प्रकार हैं-

डिप्लोमा इन इंटरप्रेटिंग: JNU, दिल्ली विश्वविद्यालय, या बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) जैसे संस्थानों में इंटरप्रेटिंग के डिप्लोमा कोर्स उपलब्ध हैं.ये कोर्स आपको सिमल्टेनियस यानी एक साथ और कॉन्सेक्यूटिव यानी बारी-बारी से इंटरप्रेटिंग सिखाते हैं.
लेवल 6 डिप्लोमा इन पब्लिक सर्विस इंटरप्रेटिंग (DPSI): यह यूके बेस्ड कोर्स है लेकिन भारत में भी कुछ संस्थान इसे ऑफर करते हैं.यह कोर्स आपको सरकारी और डिप्लोमैटिक सेटिंग्स में इंटरप्रेटिंग के लिए तैयार करता है.
सर्टिफिकेट कोर्स: Alliance Française (फ्रेंच), Max Mueller Bhavan (जर्मन) या Instituto Cervantes (स्पैनिश) जैसे संस्थान विदेशी भाषाओं में सर्टिफिकेट कोर्स ऑफर करते हैं. ये कोर्स 6 महीने से 1 साल के होते हैं.
IFS ट्रेनिंग: अगर आप संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के जरिये भारतीय विदेश सेवा (IFS) में चुने जाते हैं तो आपको फॉरेन सर्विस इंस्टीट्यूट (FSI) नई दिल्ली में इंटरप्रेटिंग और डिप्लोमैटिक स्किल्स की ट्रेनिंग दी जाती है. इसमें एक साल का कोर्स होता है जिसमें अंतरराष्ट्रीय संबंध, विदेश नीति और भाषा ट्रेनिंग शामिल होती है.भारत में कुछ दुभाषिए संयुक्त राष्ट्र (UN) या यूरोपियन यूनियन (EU) के साथ काम करने की ट्रेनिंग भी लेते हैं क्योंकि वहां सिमल्टेनियस इंटरप्रेटिंग की डिमांड ज्यादा है. UN इंटरप्रेटर बनने के लिए आपको CEFR C2 लेवल (प्रोफेशनल फ्लुएंसी)की जरूरत होती है.

Interpreter Selection Process: कैसे होता सेलेक्‍शन?

भारत के पीएम का आधिकारिक दुभाषिया बनने के लिए दो मुख्य रास्ते हैं-
रास्ता 1: भारतीय विदेश सेवा (IFS) के जरिए

IFS में शामिल होने के लिए आपको UPSC CSE पास करना होगा. यह परीक्षा तीन चरणों में होती है-प्रिलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू. IFS के लिए टॉप रैंक यानी आमतौर पर 100 के अंदर की रैंक होनी जरूरी होती है.UPSC पास करने के बाद आपको लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकादमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में 3 महीने की बेसिक ट्रेनिंग मिलती है.फिर FSI नई दिल्ली में 1 साल की स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग होती है जिसमें एक विदेशी भाषा (Compulsory Foreign Language) सीखनी पड़ती है.आपको स्कूल ऑफ फॉरेन लैंग्वेजेज (SFL) रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रोफिशिएंसी टेस्ट पास करना होगा. इसके बाद आप विदेश में थर्ड सेक्रेटरी (लैंग्वेज ट्रेनी)के तौर पर पोस्टेड होते हैं. IFS ऑफिसर के तौर पर आपको पीएम के साथ इंटरप्रेटिंग का मौका मिल सकता है, लेकिन वह भी तब जब आपकी भाषा उस देश से मेल खाती है जहां पीएम का दौरा हो.

रास्ता 2: फ्रीलांस या कॉन्ट्रैक्ट-बेस्ड इंटरप्रेटर

इसके लिए आपके पास बैचलर डिग्री और इंटरप्रेटिंग में डिप्लोमा या सर्टिफिकेशन होना चाहिए.साथ ही सरकारी या डिप्लोमैटिक सेटिंग्स में कम से कम 5 साल का इंटरप्रेटिंग अनुभव जरूरी है.इसके अलावा आपको नेशनल रजिस्टर ऑफ पब्लिक सर्विस इंटरप्रेटर्स (NRPSI) जैसी संस्थाओं में रजिस्टर होना पड़ सकता है. भारत में विदेश मंत्रालय या एम्बेसीज अपने पैनल में इंटरप्रेटर्स को शामिल करती हैं.विदेश मंत्रालय या संबंधित एम्बेसी सिमल्टेनियस और कॉन्सेक्यूटिव इंटरप्रेटिंग टेस्ट लेती है. इसमें आपको भाषा की फ्लुएंसी, सटीकता और प्रेशर में काम करने की क्षमता दिखानी होती है.पीएम के साथ काम करने के लिए आपको सख्त सिक्योरिटी चेक से गुजरना पड़ता है. इसमें बैकग्राउंड वेरिफिकेशन और DSU (डिपार्टमेंटल सिक्योरिटी यूनिट)की मंजूरी शामिल होती है.फ्रीलांस इंटरप्रेटर्स को विदेश मंत्रालय या एम्बेसीज कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर हायर करती हैं. आपको पीएम के दौरे या डिप्लोमैटिक मीटिंग्स के लिए बुलाया जा सकता है.भारत में रूसी और चीनी जैसे भाषाओं के दुभाषियों की डिमांड ज्यादा है.

Interpreter Salary: कितनी मिलती है सैलरी?

पीएम के आधिकारिक दुभाषिया की सैलरी उनके रोल और अनुभव पर निर्भर करती है.IFS ऑफिसर के लिए शुरुआती सैलरी 7वें वेतन आयोग के मुताबिक लेवल 10 के अंतर्गत 56,100 रुपये प्रति माह होती है.विदेश में पोस्टिंग के दौरान स्पेशल फॉरेन अलाउंस मिलता है जो $2,000-$5,000 प्रति माह यानी लगभग 1.5-4 लाख रुपये तक हो सकती है.जॉइंट सेक्रेटरी या ऊपर के लेवल पर सैलरी 1.44 लाख से 2.24 लाख रुपये प्रति माह हो सकती है.साथ ही विदेशी भत्ते भी मिलेंगे.इसके अलावा अतिरिक्त सुविधाओं में मुफ्त  आवास, गाड़ी, सिक्योरिटी, मेडिकल सुविधाएं और बच्चों की विदेश में पढ़ाई का खर्च आदि मिलता है.

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Free Interpreter Salary: फ्रीलांस इंटरप्रेटर को कितना मिलता है?

भारत में सरकारी इंटरप्रेटर्स को प्रति दिन 6,000-15,000 रुपये मिल सकते हैं.विदेश में यूके जैसे देशों में फ्रीलांस इंटरप्रेटर्स को प्रति घंटा लगभग 2,000-5,000 रुपये मिलते हैं. पीएम के साथ काम करने पर प्रति असाइनमेंट लगभग 11,000-47,000 रुपये प्रति दिन हो सकता है.विदेशी दौरों पर ट्रैवल, रहने और खाने का खर्च सरकार उठाती है.अगर आप UN इंटरप्रेटर बनते हैं तो सैलरी $60,000-$100,000 प्रति साल यानी लगभग 50-80 लाख रुपये तक हो सकती है.



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