मैनचेस्टर. चौथे टेस्ट के पहले दिन एक बेतुके शॉट ने भारतीय टीम को बैकफुट पर ला दिया. भारतीय पारी के 68वें ओवर में क्रिस वोक्स की एक तेज यॉर्कर गेंद ने पंत को मुश्किल में डाल दिया. पंत ने इस गेंद पर रिवर्स-स्वीप खेलने की कोशिश की, लेकिन गेंद सीधे उनके पैर के जूते पर जा लगी. इस घटना के बाद उनके पैर से खून बहने लगा, और दर्द की गंभीरता को देखते हुए उन्हें तुरंत मैदान से बाहर ले जाया गया. पंत को सीधे मेडिकल सेंटर ले जाया गया, जहां उनकी चोट का इलाज किया जा रहा है.पंत की चोट पैर पर लगी है, न कि सिर पर. ऐसे में नियमों के तहत भारत को कन्कशन सब्स्टीट्यूट की अनुमति नहीं मिलेगी. इसके बजाय, भारतीय टीम को एक सब्स्टीट्यूट फील्डर मिल सकता है, जो केवल फील्डिंग या विकेटकीपिंग कर सकता है, लेकिन वह न तो बल्लेबाजी कर सकता है और न ही गेंदबाजी. ऐसे में टीम इंडिया के सिर्फ 10 खिलाड़ी ही बल्लेबाजी कर सकेंगे.पंत की चोट ने क्रिकेट नियमों और कन्कशन सब्स्टीट्यूट को लेकर चर्चा छेड़ दी है. क्रिकेट के नियमों के मुताबिक, कन्कशन सब्स्टीट्यूट तब लागू होता है, जब किसी खिलाड़ी को सिर पर चोट लगती है और वह खेल जारी रखने में असमर्थ होता है. इस स्थिति में, टीम को चोटिल खिलाड़ी के समान भूमिका निभाने वाला एक दूसरा खिलाड़ी मिलता है, जो बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग कर सकता है. उदाहरण के लिए, अगर पंत को सिर पर चोट लगी होती, तो भारत को ध्रुव जुरेल जैसे खिलाड़ी को कन्कशन सब्स्टीट्यूट के रूप में लाने का मौका मिलता, जो बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग दोनों कर सकते थे.