जज ने वृद्ध, बीमार और जरूरतमंद बंदियों पर जताई चिंता: गरोठ उप जेल का निरीक्षण किया; बोले- यह केवल दंडस्थल नहीं, सुधारगृह है – Mandsaur News

जज ने वृद्ध, बीमार और जरूरतमंद बंदियों पर जताई चिंता:  गरोठ उप जेल का निरीक्षण किया; बोले- यह केवल दंडस्थल नहीं, सुधारगृह है – Mandsaur News



मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर प्रधान जिला न्यायाधीश कपिल मेहता ने शुक्रवार को गरोठ उप जेल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान जेल में बंदियों को मिल रही मूलभूत सुविधाएं, विधिक सहायता और उनके मानवाधिकारों की स्थिति का मूल्यांकन किया ग

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न्यायाधीश ने जेल परिसर की स्वच्छता, बंदियों के निवास स्थान और पेयजल व्यवस्था का बारीकी से अवलोकन किया। भोजन की गुणवत्ता, मात्रा और पोषण स्तर की भी जांच की गई। विचाराधीन बंदियों से संवाद कर यह जाना कि उन्हें निशुल्क विधिक सहायता मिल रही है या नहीं। जरूरतमंदों को तुरंत सहायता दिलाने के निर्देश दिए गए। बंदियों को लीगल एड क्लिनिक की जानकारी दी गई ताकि वे अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें।

निरीक्षण में यह भी देखा गया कि बंदियों के साथ मानवीय व्यवहार हो रहा है या नहीं और उनके मौलिक अधिकार सुरक्षित हैं या नहीं। वृद्ध, दिव्यांग और गंभीर रूप से बीमार बंदियों की स्थिति की अलग से समीक्षा की गई। इन्हें प्राथमिकता से विधिक और चिकित्सीय सहायता देने के निर्देश दिए गए।

न्यायाधीश ने कहा कि जेल सिर्फ दंड स्थल नहीं, सुधार की जगह भी है। विधिक सहायता तंत्र का उद्देश्य समाज से छूट गए लोगों को फिर से मुख्यधारा से जोड़ना है। जेल प्रशासन को निर्देश दिए गए कि सभी बंदियों को न्यायिक प्रक्रिया की जानकारी समय-समय पर दी जाए, लीगल एड क्लिनिक को सक्रिय रखा जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी बंदी विधिक सहायता से वंचित न रहे।



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