छिंदवाड़ा की सेंट्रल जेल निर्माण कार्य कर रही प्रमुख कंपनी श्रीजी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट पर अब विवाद गहराता जा रहा है। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ओम राठौर का दावा है कि सभी 18 ठेकेदारों को हर माह वेतन का भुगतान किया जा रहा है,
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कहा कि केवल 30 फीसदी भुगतान ही किया जा रहा है, जिसमें से जीएसटी की राशि भी उनसे वसूली जा रही है।
मजदूरों ने आने से किया इनकार, ठेकेदार फंसे ठेकेदार आकाश साहू ने बताया कि करीब 200 मजदूर रोजाना और कुल 450 मजदूर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं, लेकिन ठेकेदारों के अनुसार पर्याप्त वेतन न मिलने के कारण मजदूर अब गांव लौटने से मना कर रहे हैं। कई ठेकेदारों ने उमरानाला चौकी में आवेदन देते हुए चेतावनी दी है कि यदि जल्द भुगतान नहीं किया गया तो वे काम बंद कर देंगे। ठेकेदारों का कहना है कि मजदूर उनसे पैसे मांग रहे हैं जबकि कंपनी से उन्हें पूरा वेतन नहीं मिल रहा।
ऑफिस के गेट पर बैठे विरोध करते हुए मजदूर
खुले तार की चपेट में आने से मजदूर की मौत पिछले दिनों निर्माण स्थल पर खुले तार की चपेट में आने से एक मजदूर की मौत हो चुकी है। पुलिस ने मामला तो दर्ज किया, लेकिन आगे कोई जांच नहीं हो सकी। ठेकेदारों का आरोप है कि सुरक्षा उपकरण तक कंपनी की ओर से नहीं दिए जा रहे हैं। अब तक तीन हादसे हो चुके हैं लेकिन कंपनी ने किसी भी मामले में जिम्मेदारी नहीं ली।
PIU विभाग ने झाड़ा पल्ला, लेबर इंस्पेक्टर बोले होगी कार्रवाई पीडब्ल्यूडी विभाग (PIU) के संतोष ठाकुर ने कहा कि हमारी ओर से श्रीजी इन्फ्रास्ट्रक्चर को भुगतान किया जाता है, वह अपने स्तर पर ठेकेदारों और मजदूरों को कैसे भुगतान करते हैं, इसकी जानकारी विभाग के पास नहीं रहती।
वहीं लेबर इंस्पेक्टर संदीप मिश्रा ने कहा कि, मजदूरों को समय पर भुगतान करना कंपनी की जिम्मेदारी है। ऐसी शिकायतें मिली हैं। सोमवार को निर्माण स्थल पर जांच की जाएगी।
श्रीजी इंफ्रास्ट्रक्चर ने आसपास के जिलों के ठेकेदारों को पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर काम दे रखा है, जिससे अब यह विवाद और अधिक जटिल होता जा रहा है। शासकीय निर्माण प्रोजेक्ट की गति इस विवाद से प्रभावित हो रही है, लेकिन ठेकेदारों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि समय पर भुगतान नहीं हुआ तो वे जिम्मेदार नहीं होंगे।