“न्याय ने सुनी बेटी की पुकार”…! हाईकोर्ट में फूट-फूट कर रोई लड़की, बोली- ‘पापा के साथ भेजा तो जान दे दूंगी’

“न्याय ने सुनी बेटी की पुकार”…! हाईकोर्ट में फूट-फूट कर रोई लड़की, बोली- ‘पापा के साथ भेजा तो जान दे दूंगी’


Last Updated:

Bhopal Crime News: भोपाल में एक नाबालिग लड़की ने हाईकोर्ट में अपने पिता के साथ जाने से इनकार करते हुए आत्महत्या की धमकी दी. उसने आरोप लगाया कि उसके पिता दोबारा उसकी जबरन शादी कराना चाहते हैं.

नाबालिग लड़की ने दी आत्महत्या की धमकी

हाइलाइट्स

  • कोर्ट ने पहले चाची के पति को अस्थायी कस्टडी दी थी
  • पिता के साथ नहीं रहना चाहती बच्ची
  • बुआ को मिली कस्टडी
भोपाल. भोपाल में एक नाबालिग लड़की को बुधवार को हाईकोर्ट में पेश किया गया, जिसने अपने पिता के साथ जाने से साफ इनकार कर दिया और आत्महत्या की धमकी दी. लड़की ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह अपने पितृ पक्ष की बुआ और उनके परिवार के साथ रहना चाहती है. अदालत ने मामले की गंभीरता और असामान्य परिस्थितियों को देखते हुए लड़की की कस्टडी उसकी बुआ और उनके पति को सौंपने का आदेश दिया.

पिता कराना चाहते थे शादी
मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने यह निर्णय सुनाया. लड़की ने अदालत के समक्ष बताया कि उसके पिता ने पहले भी उसका विवाह जबरन कर दिया था और पति की मृत्यु के बाद अब वह उसका दोबारा विवाह कराना चाहते हैं. इस परिस्थिति से व्यथित होकर लड़की ने पिता के साथ या चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के शेल्टर होम में जाने से इनकार कर दिया.

इससे पहले की सुनवाई में अदालत ने अस्थायी रूप से लड़की की कस्टडी उसकी बुआ के पति को सौंप दी थी, शर्त यह थी कि वह लड़की की देखभाल भली-भांति करेंगे. अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि लड़की के पिता समय-समय पर उससे मिल सकते हैं और बाल कल्याण विभाग के अधिकारी उसकी स्थिति की निगरानी करेंगे.

मामले की शुरुआत रतलाम निवासी कालूराम की ओर से हाईकोर्ट को लिखे एक पत्र से हुई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी की कस्टडी CWC को सौंप दी गई थी, लेकिन जब वे मिलने पहुंचे तो वह वहां नहीं मिली. उन्हें आशंका थी कि उनकी बेटी को बेच दिया गया है.

प्रारंभिक सुनवाई में न्यायमूर्ति ए के सिंह और न्यायमूर्ति अमित सेठ की खंडपीठ ने यह टिप्पणी की थी कि चाची और उनके पति प्राकृतिक अभिभावक नहीं हैं, इसलिए उन्हें कस्टडी नहीं दी जा सकती. हालांकि, कोर्ट ने लड़की की चाची के परिवार की सामाजिक और आर्थिक स्थिति की रिपोर्ट मंगवाई और उसके आधार पर बाद में अस्थायी कस्टडी दी गई. अब अंतिम सुनवाई में, कोर्ट ने लड़की की इच्छा का सम्मान करते हुए स्थायी रूप से उसकी कस्टडी बुआ और उनके पति को सौंप दी.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked … और पढ़ें

homemadhya-pradesh

हाईकोर्ट में फूट-फूट कर रोई लड़की, बोली- ‘पापा के साथ भेजा तो जान दे दूंगी’



Source link