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तुलसी के पौधे पर लकड़ी की राख, दूध का स्प्रे, जड़ों में छाछ डाल दे, पानी निकासी की व्यवस्था करें मिट्टी में बदलाव कर दे, उर्वरक डाले
हाइलाइट्स
- तुलसी पौधे पर लकड़ी की राख छिड़कें
- तुलसी की जड़ों में छाछ या दूध डालें
- पानी निकासी की व्यवस्था करें
सिर्फ देसी उपाय ही अपनाएं
तुलसी पौधे पर लोग केमिकल वाले स्प्रे का इस्तेमाल नहीं करते हैं, क्योंकि तुलसी की पत्तियों का भोग भगवान को लगाया जाता है. कई लोग अपने खाने में भी इसको रखते हैं. भगवान को भोग लगाने के बाद इसे प्रसाद के रूप में भी खाया जाता है. इसलिए, तुलसी पौधों को सुरक्षित रखने के लिए देसी उपाय को अपनाया जाता है.
सागर की रहने वाली दादी बताती हैं कि अगर तुलसी का पौधा सूख रहा है या सूख गया है तो यह देखना चाहिए की कहीं पौधे वाली जगह पर पानी का भराव तो नहीं हो रहा है. अगर ऐसा है तो पानी की निकासी की व्यवस्था करें. अगर गमले में पौधा लगा है तो उसमें नीचे की तरफ छेद कर दें ताकि बारिश का पानी निकलता जाए. ज्यादातर घरों की तुलसी बारिश में जलभराव की वजह से ही सूखती हैं.
दूध, राख का शानदार उपाय…
अगर कीड़े वगैरा लग गए हैं तो मिट्टी को बदलना भी बहुत जरूरी है. इसके लिए आप किसी के खेत से काली दोमट मिट्टी ले आएं और फिर इसमें उस पौधे को लगाए कुछ उर्वरक भी इसमें डाल सकते हैं. गाय के गोबर की खाद सबसे उपयुक्त है. तुलसी पेड़ में अगर कीड़े दिखाई दे रहे हैं तो लकड़ी की राख को पेड़ों पर छिड़क दें. दो-चार दिन के लिए ऐसा ही छोड़ दें. कीड़े भाग जाते हैं. पत्ते ठीक होने लगते हैं. इसके अलावा, तुलसी की जड़ों में छाछ या दूध भी डाल सकते हैं. हफ्ते में दो बार ऐसा करने पर तुलसी में हरी पत्ती आने लगती है. दूध का स्प्रे भी कई लोग करते हैं.