Last Updated:
शुभमन गिल का बतौर कप्तान ये पहला दौरा है और समय के साथ वो बहुत कुछ सीखेंगे पर ये जो गलती वो कर रहे है वो तो एक कप्तान का बेसिक काम है जो ये देखे कि मैदान पर जो गेंदबाज उनके पास हैं उनका सहीं इस्तेमाल हो रहा है …और पढ़ें
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि शुभमन गिल का बतौर कप्तान ये पहला दौरा है और समय के साथ वो बहुत कुछ सीखेंगे पर ये जो गलती वो कर रहे है वो तो एक कप्तान का बेसिक काम है जो ये देखे कि मैदान पर जो गेंदबाज उनके पास हैं उनका सहीं इस्तेमाल हो रहा है या नहीं. खासतौर पर तब जब टीम में 6 गेंदबाज खेल रहे हों.
तीसरे दिने के पहले सेशन में जो रूट और पोप रन बनाए जा रहे था और कप्तान कहीं खोया खोया सा नजर आ रहा था, बाजी हाथ से निकल रही थी पर गिल को याद ही नहीं आ रहा था कि टीम में एक और स्पिन गेंदबाज है जिसके लिए एक दिन पहले रवि शास्त्री ने कहा कि वो बड़े गेंदबाज बन सकते है. बहरहाल 68 ओवर का खेल हो जाने के बाद गिल को वॉशिंगटन सुंदर की याद आई तो बतौर बॉलिंग ऑलराउंडर खेल रहे है. तब तक रवींद्र जडेजा 15 बुमराह 18 और सिराज और अंशुल 10 ओवर से ज्यादा की गेंदबाजी कर चुके थे. बहरहाल सुंदर जैसे ही गेंदबाजी पर आए उन्होंने दो विकेट, पोप और हैरी ब्रूक को चलता किया तो फैंस ने भी सवाल पूछना शुरु कर दिया कि कप्तान क्यों गेंदबाजों को भूल जाते हैं. सुंदर ने अपने पहले स्पेल 11 ओवर में 30 रन देकर 2 विकेट लिया और टीम के लिए वापसी के दरवाजे खोले पर शायद तब कर देर हो चुकी थी.
लीड्स टेस्ट में सिर्फ 16 ओवर जिसमें पहली पारी में 6 और दूसरी पारी में 10 ओवर फेंकने वाले शॉर्दिल ठाकुर ने भी गुरुवार को अपने गुस्से का इजहार किया. ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान पर इंग्लैंड की पहली पारी में पहले 80 ओवर में सिर्फ 6 ओवर फेंकने वाले ठाकुर ने कहा कि “गेंदबाजी देना कप्तान का फैसला होता है. कब किसे गेंदबाजी देनी है, ये कप्तान का फैसला है मेरा नहीं. आज मैं 2 ओवर अधिक फेंक सकता था, लेकिन ये कप्तान का फैसला होता है. एक कप्तान के तौर पर गिल को ये समझना पड़ेगा कि गेंदबाज खिलाए है तो उन्हें मौका दे नहीं तो उनका आत्मविश्वास तो खराब होगा हि साथ साथ उनको अपने स्किल पर भी भरोसा कम होने लगेगा.