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Ground Report : सीधी-सिंगरौली के बीच NH-39 सड़क मार्ग की हालत लगातार 15 वर्षों से बदहाल है. फोरलेन सड़क निर्माण की घोषणा तो हुई, लेकिन ठेके पर ठेका बदलने और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते आज तक यह मार्ग पूरी तरह …और पढ़ें
हाइलाइट्स
- 15 वर्षों में नहीं बन सकी NH-39 की फोरलेन सड़क.
- हर बार निर्माण अधूरा और खराब निकलता रहा.
- सांसद बोले– सड़क हम नहीं, ठेकेदार बनाता है.
फोरलेन सड़क का काम 15 साल पहले स्वीकृत हुआ था. टेंडर हुआ, कंपनी को काम सौंपा गया, लेकिन कुछ ही सालों में निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया. इसके बाद दूसरी कंपनी को टेंडर मिला, लेकिन वह भी वादा निभाने में नाकाम रही. पिछले दो साल में बनाई गई सड़क पहली ही बरसात में उखड़ गई. यही सिलसिला लगातार जारी है—सड़क बनती है, बारिश आती है और सड़क फिर टूट जाती है. अब सरकार ने एक बार फिर 12 करोड़ रुपए की लागत से पैचवर्क कराने का टेंडर निकाला है. ग्रामीणों और लीला साहू का सवाल है कि आखिर जनता के टैक्स का पैसा कहां जाता है? बीते 15 सालों से करोड़ों रुपए खर्च हुए, लेकिन सड़क नहीं सुधर सकी तो इस भ्रष्टाचार का दोषी कौन है और उसे सजा क्यों नहीं मिली?
इस सड़क मार्ग पर प्रतिदिन औसतन 2000 से अधिक भारी वाहन, ट्रक और यात्री बसें गुजरती हैं. मगर सड़क की हालत इतनी बदतर है कि अक्सर वाहन बीच रास्ते में फंस जाते हैं, ब्रेकडाउन हो जाते हैं और लंबा जाम लग जाता है. कई बार तो रात में खराबी के दौरान आसपास के ग्रामीण इलाकों में लूटपाट की घटनाएं भी सामने आई हैं. ट्रक चालकों का कहना है कि इस सड़क पर चलना खतरे से खाली नहीं है. उन्होंने इसे देश की सबसे बुरी सड़क बताया है.
केवल घोटाले हुए हैं, हर ठेका भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा
विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि सिंगरौली कोयले की राजधानी है, जहां से देशभर को ऊर्जा मिलती है, लेकिन वहां तक एक ठीक सड़क नहीं बन पाई. उन्होंने आरोप लगाया कि सड़क निर्माण के नाम पर केवल घोटाले हुए हैं, हर ठेका भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा है.
वहीं सत्ता पक्ष से सांसद डॉ. राजेश मिश्रा का बयान और भी चौंकाने वाला रहा. उन्होंने कहा, “हम सड़क नहीं बनाते, ठेकेदार बनाता है. डीपीआर इंजीनियर बनाता है, बन जाए तो ठीक, न बने तो भी ठीक.” इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर जनता ने तीखी प्रतिक्रिया दी और सांसद की जिम्मेदारी पर सवाल उठाए. प्रशासनिक स्तर पर भी स्थिति गंभीर बनी हुई है. प्रभारी ADM अंशुमन राज ने बताया कि पिछली निर्माण एजेंसी को ब्लैकलिस्ट किया गया है और अब सड़क की मरम्मत के लिए 12 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से पैचिंग कार्य कराया जाएगा.
110 किलोमीटर लंबा यह फोरलेन मार्ग आज भी अधूरा
हालांकि सरकार बार-बार यह दावा करती रही है कि प्रदेश की सड़कें बेहतर हो रही हैं, लेकिन NH-39 की हालत सरकार के सभी दावों की पोल खोल देती है. 110 किलोमीटर लंबा यह फोरलेन मार्ग आज भी अधूरा है और हर गुजरते दिन के साथ यह सवाल और गंभीर होता जा रहा है कि आखिर कब पूरी होगी सीधी-सिंगरौली की यह ‘विकास यात्रा’?
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें