10 साल बाद भी सड़क नहीं! शिलान्यास पत्थर लेकर पहुंचे कलेक्ट्रेट, फूटा कहारपुरा का गुस्सा

10 साल बाद भी सड़क नहीं! शिलान्यास पत्थर लेकर पहुंचे कलेक्ट्रेट, फूटा कहारपुरा का गुस्सा


Last Updated:

MP Road Crisis : राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ तहसील के कहारपूरा गांव के लोगों ने 10 साल से अधूरी पड़ी सड़क के विरोध में अनूठा प्रदर्शन किया. ग्रामीण खुद 2015 में किए गए शिलान्यास का पत्थर उठाकर कलेक्ट्रेट परिसर में…और पढ़ें

कहारपूरा गांव में आज तक सड़क नहीं बन पाई.

हाइलाइट्स

  • 10 साल पहले जोर-शोर से हुआ था शिलान्‍यास.
  • गांव में 2015 में लगा था शिलान्‍यास का पत्‍थर.
  • प्रशासन 10 दिन में सड़क बनाएं, हम धरना देंगे.
राजगढ़/नरसिंहगढ़. मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत वर्ष 2015 में शिलान्यास होने के बाद भी नरसिंहगढ़ तहसील के कहारपूरा गांव में आज तक सड़क नहीं बन पाई. अब ग्रामीणों का सब्र जवाब दे गया है. गांव की सैकड़ों महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे खुद शिलान्यास का पत्थर उठाकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंच गए और प्रतीकात्मक विरोध करते हुए चेतावनी दी- ‘अब सिर्फ चेतावनी नहीं, धरना देंगे.’ उन्‍होंने कहा कि सड़क पर कीचड़ भरा हुआ है और आना-जाना सब ठप है; बच्‍चे से लेकर बुजुर्ग तक परेशान हैं. घर-घर में लोगों को समस्‍या है और कहीं भी निदान नहीं मिल रहा है.

गांव के निवासी धन्नालाल कुशवाह ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से सड़क निर्माण की सिर्फ बातें हो रही हैं. पत्थर तो गाड़ दिया गया, लेकिन सड़क अब तक सिर्फ फाइलों में है. बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते, बीमारों को अस्पताल ले जाना मुश्किल होता है और किसान फसल बाजार नहीं ले जा पाते. ग्राम की पिंकी कुशवाह का कहना है कि बरसात में कीचड़ और गर्मियों में उड़ती धूल ने गांववासियों का जीना दूभर कर दिया है. गांव से नेशनल हाईवे तक का 2.5 किलोमीटर रास्ता जानलेवा गड्ढों से भरा है.

बुजुर्ग रामप्रसाद मीणा ने कहा कि 2017 से लेकर अब तक जनसुनवाई से लेकर सांसद-विधायक तक को आवेदन दिए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. तहसीलदार से मिलकर भी लौटना पड़ा. इस विरोध प्रदर्शन में खास बात यह रही कि ग्रामीण 2015 के शिलान्यास पत्थर को कलेक्ट्रेट परिसर में लाकर रख गए. उस पर साफ लिखा है- ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत इस सड़क का भूमिपूजन 2015 में हुआ.’

गांव की महिलाओं ने प्रशासन को 10 दिन का अल्टीमेटम देते हुए चेताया है कि अगर अब भी सड़क नहीं बनी, तो वे सभी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगी और इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी. यह पूरा विरोध सिर्फ सड़क के लिए नहीं, बल्कि उस व्यवस्था के खिलाफ भी है जो शिलान्यास तो करती है, लेकिन क्रियान्वयन की जिम्मेदारी से बचती है.

Sumit verma

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें

homemadhya-pradesh

10 साल बाद भी सड़क नहीं! शिलान्यास पत्थर लेकर पहुंचे कलेक्ट्रेट, फूटा गुस्सा



Source link