Last Updated:
ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान पर टेस्ट मैच के चारों दिन सिर्फ एक खिलाड़ी की चर्चा रही वो है वेन स्टोक्स की. भारत की पहली पारी में वो पांच विकेट झटक देते है फिर जब बल्लेबाजी का नंबर आता है तो एक टांग पर खड़े हो कर बल्लेबाजी करके शतक जा देते है और अपनी टीम को वहां ले जाकर खड़ा कर देते है जहां से कोई हार के बारे में सोचे भी नहीं
भारत के खिलाफ सीरीज के अब तक खेले गए चारों मैच में भले ही इंग्लैंड की जीत की चर्चा ज्यादा हो पर एक नाम जो अकेले भारत को हर मोर्चे पर बैकफुट पर ढकेलता चला गया वो है टीम के कप्तान बेन स्टोक्स. मैनचेस्टर में स्टोक्स ने वो कर दिखाया जो एक वर्ल्ड क्लास ऑलराउंडर से आप अपेक्षा करते है यानि जब इस खिलाड़ी का दिन हो तो वो अकेला किसी भी टीम को हरा सकता है. जरूरत के हिसाब से गियर बदलना, इंजरी के बाद टीम के लिए बल्लेबाजी करना और टेलेंडर्स के साथ पारी को लंब ले जाने की कला तो स्टोक्स के पास थी ही मैनचेस्टर में उन्होंने अपनी किताब में उन्होंने एक और पन्ना जोड़ दिया. भारत की पहली पारी में 5 विकेट जिसमें कप्तान गिल और साई सुदर्शन के विकेट शामिल है लेने वाले स्टोक्स ने बैट हाथ में आते ही शतक भी ठोक दिया. ये स्टोक्स का 14वां शतक था और वो उस क्लब में भी शामिल हो गए जिसमें गारफील्ड सोबर्स, इयान बॉथम जैक कॉलिस जेसे बड़े नाम हैं.
बेन स्टोक्स ने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच में इतिहास रच दिया है. उन्होंने टीम इंडिया की पहली पारी में 5 विकेट लेकर 42 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. उन्होंने इस टेस्ट मैच में 24 ओवर गेंदबाजी की. इस दौरान उन्होंने 72 रन देकर 5 विकेट हासिल किए. उन्होंने कप्तान शुभमन गिल, साई सुदर्शन, शार्दुल ठाकुर, वाशिंगटन सुंदर और अंशुल कम्बोज को अपना शिकार बनाया. स्टोक्स इस सीरीज में सबसे ज्यादा 16 विकेट भी ले चुके है. लॉर्ड्स में फेंके गए लंबे स्पेल और ऋषभ पंत का रनआउट आज भी लोगों की जुबान पर है. इस प्रदर्शन को देखते हुए ये कहने में कोई गुरेज नहीं कि उनसे बेहतर ऑलराउंडर मौजूदा क्रिकेट में कोई नहीं हैं.